Anuradha Beniwal

Anuradha Beniwal

अनुराधा बेनीवाल

अनुराधा बेनीवाल का जन्म हरियाणा के रोहतक जिले के खेड़ी महम गाँव में 1986 ई. में हुआ. इनकी 12वीं तक की अनौपचारिक पढ़ाई पिता श्री कृष्ण सिंह बेनीवाल की देखरेख में घर में हुई। 15 वर्ष की आयु में ये राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता की विजेता रहीं। 16 वर्ष की आयु में विश्व शतरंज प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उसके बाद इन्होंने प्रतिस्पर्धी शतरंज खेल की दुनिया से खुद को अलग कर लिया। तब इनकी वर्ल्ड रैंकिंग केवल 38 थी।

दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज से अंग्रेजी विषय में बी. ए. (ऑनर्स) करने के बाद अनुराधा ने भारती विद्यापीठ लॉ कॉलेज, पुणे से एलएलबी की पढ़ाई की। बाद में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से अंग्रेजी विषय में एम.ए. भी किया। इस दौरान ये तमाम खेल गतिविधियों से कई भूमिकाओं में जुडी रहीं।

2013 में लन्दन जाने से पहले स्वावलंबी अनुराधा ने अपनी बचत के पैसों से भारत के अलग-अलग हिस्सों में अकेले भ्रमण किया। लंदन जाने के बाद इन्होंने वहां के प्रतिष्ठित स्कूलों में शतरंज सिखाना शुरू किया। अभी वहां ये कई बड़े स्कूलों और रॉयल ऑटोमोबिल क्लब समेत कई और क्लबों में भी शतरंज सिखाती हैं। साथ ही, वहां कैम्ब्रिज के लिए खुद भी शतरंज खेलती हैं।

अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेसके लिए एक समय ब्लॉग लिखती रहीं अनुराधा अंग्रेजी के कई ट्रेवल वेबसाइट्स के लिए भी अपने यात्रा-संस्मरण लिख चुकी हैं। इनके कुछ ब्लॉग पोस्ट्स कई बड़े समाचार पोर्टल्स की भी सुर्खी बन चुके हैं। बावजूद इसके कि हिंदी भाषा इनके अध्ययन का विषय नहीं रही, लेकिन इनकी पहली किताब हिंदी में आज़ादी मेरा ब्रांडनाम से आ रही है। यह उनकी घुमक्कड़ी के संस्मरणों की श्रृंखला यायावरी आवारगीकी भी पहली किताब है। इसमें वर्ष 2014 में इनके घूमे यूरोप के जिन 10 देशों का वर्णन है, वे हैं – फ़्रांस, बेल्जियम, हालैंड, जर्मनी, चेक रिपल्बिक, ब्रातिस्लावा, हंगरी, आस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड। इनकी पसंद के लेखक प्रेमचन्द, टॉलस्टॉय, दास्तोवस्की, एलिस वॉकर, टोनी मॉरिसन, कृष्णा सोबती, निर्मल वर्मा और झुम्पा लाहिरी आदि हैं।

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