Dr. Naiya

Dr. Naiya

डॉ. नैया

जन्म : 7 मई, 1983, नगीना, ज़िला मेवात, हरियाणा।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी)। भारतीय भाषा एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से आरम्भिक स्त्री कथा-साहित्य और हिन्दी नवजागरण (1877-1930) विषय पर पी.एच.डी. तथा इसी विश्वविद्यालय से हिन्दी के आरम्भिक स्त्री-कथाकार विषय पर एम.फिल.। आरम्भिक स्त्री कथा-साहित्य के गम्भीर अध्येता के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली नैया द्वारा आधुनिक हिन्दी साहित्य की अनेक अलक्षित लेखिकाओं की रचनाओं की खोज। उदाहरण स्वरूप ‘अबलाओं का इंसाफ़’ लेखिका स्फुरना देवी (1927) तथा प्रथम दलित स्त्री-रचना ‘छोट के चोर’ (लेखिका श्रीमती मोहिनी चमारिन, अगस्त, 1915)। इसी तरह 1928 में प्रकाशित हिन्दी जगत की प्रथम मौलिक लेखिका के प्रथम उपन्यास ‘हृदय का काँटा’ (लेखिका श्रीमती तेजरानी दीक्षित, बी.ए.) की खोज। इनके अतिरिक्त स्त्रियों द्वारा लिखित कई नवजागरण कालीन दुर्लभ उपन्यास जैसे किसी साध्वी सती पतिप्राणा अबला द्वारा लिखित ‘सुहासिनी’ (1890), तथा एक अग्रवाल श्रेष्ठकुल की कुलीन जैनमती स्त्री का रचा हुआ ‘मर्द-औरत का क़िस्सा’ (1895) के अतिरिक्त नवजागरण कालीन और राष्ट्रवाद युगीन अनेक कहानियों तथा रचनाओं की खोज।

पुस्तक : ‘अबलाओं का इंसाफ़’, लेखिका स्फुरना देवी, 1927 (सम्पादन), पुनःप्रकाशन 2013। ‘हृदय का काँटा’, लेखिका श्रीमती तेजरानी दीक्षित, बी.ए. (सम्पादन)। ‘उपन्यास का लोकधर्म’ (सम्पादन), 2014। ‘लक्खी बऊ’ एवं ‘दयावती’, लेखक मेजर वामनदास बसु (दो राष्ट्रवाद युगीन बांग्ला उपन्यास), (सम्पादन)। हुक्म देवी : हिन्दू धर्म की उच्चता में एक सच्ची कहानी जिसको श्रीमती हरदेवी ने स्त्रियों के उपकार निमित्त लिखा है’ (सम्पादन), तथा ‘आदर्श बालिका’ एवं ‘सच्चा पतिप्रेम’, लेखिका यशोदा देवी, (सम्पादन)। आलोचना, पुस्तक वार्ता, आजकल, हरिगन्धा, तहलका (साहित्य विशेषांक), वागर्थ, जनपथ, पंचशील शोध समीक्षा, बिन्दिया, सम्प्रति पथ, जनसत्ता, वसुधा प्रगतिशील, इंडिया टुडे, समावर्तन, कादम्बिनी तथा सृजन सन्दर्भ में शोधपरक एवं आलोचनात्मक रचनाएँ प्रकाशित।

सम्पर्क : कैप्टन निवास, मकान नं. 25, दुर्गा विहार, फ़ेस-III, नजफगढ़, नयी दिल्‍ली-110043

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