Jaya Jadwani
जया जादवानी
जन्म : 1 मई, 1959 को कोतमा, जिला शहडोल (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.ए. हिंदी और मनोविज्ञान
कृतियाँ : ‘मैं शब्द हूँ’, ‘अनंत संभावनाओं के बाद भी’, ‘उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्वर्य’ (कविता-संग्रह); ‘पहिंजी गोल्हा में’ (सिंधी कविता-संग्रह); ‘मुझे ही होना है बार-बार’, ‘अंदर के पानियों में कोई सपना काँपता है’, ‘उससे पूछो’, ‘मैं अपनी मिट्टी में खड़ी हूँ काँधे पे अपना हल लिये’, ‘अनकहा आख्यान’ (कहानी-संग्रह); ‘बर्फ़ जा गुल’, ‘खामोशियों के देश में’ (सिंधी कहानी-संग्रह); ‘समन्दर में सूखती नदी’, ‘ये कथाएँ सुनायी जाती रहेंगी हमारे बाद भी’ (प्रतिनिधि कहानी-संग्रह); ‘तत्वमसि’, ‘कुछ न कुछ छूट जाता है’ (उपन्यास); ‘मिठो पाणी खारो पाणी’ (यह उपन्यास सिंधी में भी प्रकाशित); ‘हिन शहर में हिकु शहर हो’ (सिंधी उपन्यास); ‘जे. कृष्णमूर्ति to हिमसेल्फ’ (हिंदी अनुवाद)।
अन्य : ‘अंदर के पानियों में कोई सपना काँपता है’ पर ‘इंडियन क्लासिकल’ के अंतर्गत एक टेलीफिल्म का निर्माण।
अनेक रचनाओं का अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी, उड़िया, सिंधी, मराठी, बंगाली भाषाओं में अनुवाद।
कई कहानियों के नाट्य रूपांतरण ऑल इंडिया रेडियो, दिल्ली से प्रसारित।
सम्मान : मुक्तिबोध सम्मान, ‘मिठो पाणी खारो पाणी’ पर कुसुमांजलि सम्मान 2017, कथा क्रम सम्मान 2017, कहानियों पर गोल्ड मैडल… व कई अन्य छोटे-बड़े सम्मान।