के. कुटुंब राव : (जन्म : 28 अक्टूबर 1909 – मृत्यु : 17 अगस्त 1980) तेलुगु उपन्यासों में सामाजिक जीवन, सामाजिक इतिहास और वास्तविकता को महत्त्व देने वालों में के कुटुंब राव अग्रणी हैं। इनका पहला कहानी संग्रह कारुण्यम 1937 में प्रकाशित हुआ। जीवन-यापन के लिए तरह-तरह की नौकरियाँ करते हुए अक्टूबर 1948 में आंध्र पत्रिका दैनिक में नौकरी पाई और उसकी साप्ताहिक पत्रिका का संपादन-भार स्वीकार कर इसे एक साहित्यिक पत्रिका के रूप में प्रतिष्ठित किया। जनवरी 1952 से मृत्युपर्यंत चंदानामा मासिक पत्रिका से जुड़े रहे।
इनके विविधतापूर्वक लेखन में चार सौ से ज़्यादा कहानियाँ, बीस उपन्यास, सौ से ज़्यादा रेडियो एकांकी, फ़िल्म स्क्रिप्ट के साथ-साथ अनुवाद कार्य भी शामिल हैं।
आर. शांता सुंदरी (जन्म 1947) पिछले तीन दशकों से तेलुगु से हिंदी और हिंदी से तेलुगु में परस्पर अनुवाद में संलग्न। कहानी, उपन्यास, नाटक, कविता आदि सभी विधाओं में अनुवाद कार्य किया है। पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के अतिरिक्त अनुवाद की हुई 50 से ज़्यादा पुस्तकें प्रकाशित। अनुवाद के लिए भारतीय अनुवाद परिषद, दिल्ली और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग सहित कई अन्य संस्थाओं से पुरस्कृत।