बैकुंठपुर (कोरिया) से 1948 में मैट्रिक करने के बाद उच्च शिक्षा सागर विश्वविद्यालय में।
मैट्रिक में हिन्दी में विशेष योग्यता के लिए कोरिया दरबार स्वर्णपदक। विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी, प्रथम स्थान, स्वर्ण पदक। 1956 से मध्यप्रदेश के अनेक महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य। 1978 से 1992 तक डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि. में माखनलाल चतुर्वेदी पीठ पर हिन्दी के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष।