Kshama Sharma

Kshama Sharma

क्षमा शर्मा

जन्म : अक्टूबर, 1955

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी प्रथम श्रेणी), पत्रकारिता में डिप्लोमा, साहित्य और पत्रकारिता में पीएच.डी.।

प्रमुख कृतियाँ : ‘नेम प्‍लेट’, ‘काला क़ानून’, ‘क़स्बे की लड़की’, ‘घर–घर तथा अन्य कहानियाँ’, ‘थैंक्यू सद्दाम हुसैन’, ‘लव स्टोरीज’, ‘इक्कीसवीं सदी का लड़का’, ‘रास्‍ता छोड़ो डार्लिंग’, ‘लड़की जो देखती पलटकर’ (कहानी-संग्रह); ‘दूसरा पाठ’, ‘परछार्इं अन्नपूर्णा’, ‘शस्य का पता’, ‘मोबाइल’ (उपन्‍यास); ‘स्त्री का समय’, ‘स्त्रीत्ववादी विमर्श : समाज और साहित्य’, ‘औरतें और आवाज़ें’ (स्‍त्री-विमर्श); ‘पत्रकारिता का कथा–साहित्य के विकास में योगदान’ (पत्रकारिता); ‘बन्द गलियों के विरुद्ध’ (मृणाल पाण्डे के साथ सम्पादन), राजस्थान शिक्षा परिषद के लिए ‘सरसों के फूल’ (सम्‍पादन)। इसके अलावा बच्चों के लिए लगभग दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित।

अनुवाद : पंजाबी, उर्दू, अंग्रेज़ी, तेलुगू में रचनाओं का अनुवाद।

विशेष : सी.आई.ई.टी. के लिए बहुत–से कैसेटों और फ़िल्मों का लेखन; टेली–फ़िल्म ‘गाँव की बेटी’ दूरदर्शन से प्रसारित। इनके कथा–साहित्य पर आगरा विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय तथा भोपाल विश्वविद्यालय में कई छात्राएँ शोधरत। लेखन के साथ-साथ महिला संगठनों और पत्रकारों की यूनियन में भी सक्रिय रही हैं। दो बार इंडियन प्रेस कोर की प्रबन्ध समिति में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रमुख और दूरदर्शन के राष्ट्रीय पुरस्कारों तथा हरियाण साहित्‍य अकादमी की ज्यूरी में भी शामिल रही हैं।

सम्मान : ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार’ और हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा तीन बार पुरस्कृत; बाल कल्याण संस्थान, कानपुर; इंडो रूसी क्लब, नई दिल्ली तथा सोनिया ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा भी सम्मानित।

क्षमा शर्मा जी 37 वर्षों तक हिन्दुस्तान टाइम्स की बाल पत्रिका ‘नन्दन’ से सम्बद्ध रहीं। कार्यकारी सम्पादक के पद से अवकाश प्राप्ति के बाद इन दिनों स्‍वतंत्र लेखन।

ई-मेल : kshamasharma1@gmail.com

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