Mridula Garg
मृदुला गर्ग
मृदुला गर्ग के रचना संसार में लगभग सभी गद्य विधाएँ सम्मिलित हैं। उपन्यास, कहानी, नाटक, निबन्ध, यात्रा संस्मरण, कटाक्ष आदि।
प्रकाशित पुस्तकें
उसके हिस्से की धूप, वंशज, चित्तकोबरा, अनित्य, मैं और मैं, कठगुलाब और मिलजुल मन (उपन्यास)। कुल प्रकाशित कहानियाँ-90, 2003 तक प्रकाशित 8 कहानी-संग्रहों की सम्पूर्ण कहानियाँ संगति-विसंगति नाम से प्रकाशित। हाल में लिखी लम्बी कहानी वसु का कुटुम राजकमल से शीघ्र प्रकाश्य (कहानी-संग्रह)। एक और अजनबी, जादू का कालीन, साम दाम दण्ड भेद, कैद-दर-कैद (चार नाटक)। रंग-ढंग, चुकते नहीं सवाल, कुछ अटके कुछ भटके (निबन्ध-संग्रह)। मेरे साक्षात्कार, कृति और कृतिकार, संस्मरणात्मक आलोचना (यात्रा संस्मरण)। कर लेंगे सब हज़म, खेद नहीं है (व्यंग्य-संग्रह)।
अनूदित कृतियाँ : चित्तकोबरा : ‘द जिफ्लेक्टे कोबरा’ नाम से जर्मन में तथा ‘चित्तकोबरा’ नाम से अंग्रेज़ी में प्रकाशित। कठगुलाब : ‘कन्ट्री ऑफ गुड्बाइज़’ नाम से अंग्रेज़ी में, ‘कठगुलाब’ शीर्षक से मराठी और मलयालम में और ‘वुडरोज़’ नाम से जापानी में प्रकाशित। अनित्य : ‘अनित्य हाफवे टु नोवेह्यर’ नाम से अंग्रेज़ी में और ‘अनित्य’ नाम से मराठी में प्रकाशित। अनेक कहानियाँ अंग्रेज़ी, जर्मन, चेक, जापानी व भारतीय भाषाओं में अनूदित।
पुरस्कार सम्मान : अन्य अनेक पुरस्कारों के साथ कठगुलाब उपन्यास को 2004 में व्यास सम्मान और मिलजुल मन को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2013 प्राप्त।
‘कठगुलाब’ दिल्ली वि.वि. के बी.ए. पाठ्यक्रम तथा अनेक विश्वविद्यालयों में स्त्री रचना/विमर्श पाठ्यक्रमों में शामिल है।