Puran Chandra Joshi

Puran Chandra Joshi

पूरनचंद्र जोशी

जन्म : 9 मार्च, 1928; ग्राम दिगोली, अल्मोड़ा (उत्तराखंड)

प्रारम्भिक शिक्षा : मॉडल स्कूल और गवर्नमेंट इंटर कॉलेज, अल्मोड़ाय उच्च शिक्षा : बी.ए. ऑनर्स, एम.ए. और पी.एच.डी., लखनऊ स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशियोलोजी, लखनऊ विश्वविद्यालय।

भारतीय समाजशास्त्र के उच्चकोटि के अध्यापन और चिन्तन और बंगाली भाषा में साहित्य और समाजशास्त्र को जोड़ने की दिशा में सृजन के लिए जाने-माने डी.पी. साहब से प्रेरणा पाकर ‘साहित्य की सामाजिक भूमिका’ और ‘हिन्दी साहित्य में किसान’ विषयों पर विचारोत्तेजक लेखन। युवा काल से मार्क्स से प्रेरणा पाकर ‘सामाजिक क्रान्ति’ और ‘उत्पीड़ितों के समाजशास्त्र’ की दिशा में मौलिक लेखन।

भूमिसुधार, कृषि-विकास, ग्रामीण श्रमिक हितकारी नीतियों तथा संचार और सम्प्रेषण की विकास में भूमिका के प्रश्नों पर उच्चस्तरीय कमेटियों के चेयरमैन या सदस्य के रूप में कई वर्षों तक सक्रिय।

सम्मान : समाजशास्त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारतीय समाजशास्त्र परिषद् द्वारा ‘लाइफ टाइम एचीवमेंट एवार्ड’ द्वारा सम्मानित। रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कलकत्ता द्वारा डी.लिट् आनरिस कौजर की उपाधि से सम्मानित। हिन्दी के प्रमुख संस्थानों द्वारा हिन्दी में अर्थ और समाजशास्त्र के मौलिक शोध और लेखन के लिए पुरस्कृत।

प्रमुख प्रकाशित रचनाएँ : भारतीय ग्रामय परिवर्तन और विकास के सांस्कृतिक आयामय आजादी की आधी सदी : स्वप्न और यथार्थय अवधारणाओं का संकटय महात्मा गांधी की आर्थिक दृष्टि : जीवन्तता और प्रासंगिकताय मेरे साक्षात्कारय संचार, संस्कृति और विकास (हिन्दी अनुवाद); अंग्रेजी में एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का लेखन। इसके अतिरिक्त प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित  महत्त्वपूर्ण लेख।

विदेश यात्राएँ : अमेरिका, रूस, चीन, थाइलैंड आदि कई देशों की यात्राएँ।

सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन।

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