एक करोड़ बार श्री सीताराम लिखकर विश्व रिकार्ड बनाने वाले डॉ० राजदीपक मिश्रा का जन्म 6.6.1968 को (उ०प्र०) के गोण्डा जिले में श्री ओमप्रकाश मिश्रा के यहाँ हुआ।
डॉ० मिश्रा अपने क्षेत्र के जाने माने व्यक्ति तो हैं ही उन्हें युवा पीढ़ी का हरफनमौला व्यक्तित्व कहना अतिशयोक्ति न होगी। ज्योतिष में गहरी पैठ रखने वाले श्री मिश्रा न केवल भारत में अपितु विदेशों में भी अपनी विशिष्ट शैली के कारण प्रसिद्ध है। सुगम तथा सुरुचिपूर्ण शैली में लिखी गई यह पुस्तक अवश्य ही पाठकों को, विशेष रूप से युवा वर्ग को अवश्य पसन्द आयेगी। अपने आप में सम्पूर्ण यह पुस्तक मनोरंजन के साथ-साथ आपकी मित्र तथा मार्गदर्शक साबित हों सकती है। लिखावट व हस्ताक्षर विज्ञान में पहली बार इतने विस्तृत रूप में भविष्य की जानकारी देने वाले शायद वो दुनिया के पहले युवा भविष्य वक्ता हैं।
उनकी यह उपलब्धि सभी भारतवासियों के लिये गौरव की बात है।