Aacharya Ramchandra Shukla Aur Hindi Aalochana

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Aacharya Ramchandra Shukla Aur Hindi Aalochana

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350.00 315.00

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Author: Ramvilas Sharma

Availability: 5 in stock

Pages: 324

Year: 2023

Binding: Text

ISBN: 9788126705733

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना
डॉ. रामविलास शर्मा हिन्दी के उन गिने-चुने आलोचकों में हैं जिन्होंने साहित्य का मूल्यांकन एक सुनिश्चित जनवादी दृष्टिकोण के आधार पर किया है। बहुत स्पष्ट, सुलझे हुए विचारों के सहारे अपने विश्लेषण में वे कहीं भी भटकते नहीं हैं और आदि से अंत तक तटस्थता को अपने हाथ से नहीं जाने देते। इसीलिए चाहे उनके सबसे प्रिय कवि निराला हों या आदर्श आलोचक रामचंद्र शुक्ल जहाँ भी उन्हें कोई दोष दिखाई दिया है उसकी दो-टूक आलोचना करने से वे नहीं चूके हैं।

प्रस्तुत कृति रामविलासजी द्वारा की गई आलोचना की आलोचना है और इसलिए कुछ लोगों के विचार से यह केवल एक छात्रोपयोगी चीज है; लेकिन स्वयं रामविलासजी के शब्दों में, ‘‘शुक्लजी ने न तो भारत के रूढ़िवाद को स्वीकार किया, न पच्छिम के व्यक्तिवाद को। उन्होंने बाह्य-जगत् और मानव-जीवन की वास्तविकता के आधार पर नए साहित्य-सिद्धांतों की स्थापना की और उनके आधार पर सामंती साहित्य का विरोध किया और देशभक्ति और जनतंत्र की साहित्यिक परंपरा का समर्थन किया। उनका यह कार्य हर देश-प्रेमी और जनवादी लेखक तथा पाठक के लिए दिलचस्प होना चाहिए। शुक्लजी पर पुस्तक लिखने का यही कारण है।’’

एक लंबे अंतराल के बाद इस महत्त्वपूर्ण आलोचना-कृति का यह संशोधित-परिवर्धित संस्करण शुक्लजी के अध्ययन के लिए एक नई दृष्टि देता है, जिससे स्पष्ट हो सकेगा कि ‘‘शुक्लजी अपने युग के हिंदी-अहिंदी विचारकों से कितना आगे थे और उनकी विचारधारा कितनी वैज्ञानिक है।’’

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Publishing Year

2023

Pulisher

Language

Hindi

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