Aadamkhoron Ke Beech

-35%

Aadamkhoron Ke Beech

Aadamkhoron Ke Beech

695.00 455.00

Out of stock

695.00 455.00

Author: Ramesh Bedi

Availability: Out of stock

Pages: 243

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126701322

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

आदमखोरों के बीच

भारत में हर साल बड़ी संख्या में निर्दोष लोग आदमख़ोर शेरों और तेंदुओं के शिकार होते हैं। इन मांसाहारी पशुओं का स्वाभाविक आहार वन्य प्राणी हैं तोफिर ये इन्सानों को क्यों खाने लगते हैं ? क्या इन बेगुनाह लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकती है ? आदमख़ोरों के बीच में लोमहर्षक शिकार-कथाओं के साथ-साथ इन प्रश्नों के जवाब देने की कोशिश भी की गई है।

लेखक प्रभावित इलाक़ों में रहे हैं तथा इस विषय का बारीकी से अध्ययन किया है। देश के बँटवारे के बाद अधिकांश जगहों पर जंगलों का सफ़ाया कर दिया गया। अब वहाँ जिधर नजर दौड़ाएँ बस गन्ने के खेत नजर आते हैं जिनमें आदमख़ोरों ने डेरा डाला हुआ है। ये खेत इनके क़िले बने हुए हैं। एक चालाक आदमख़ोर शेरनी का शिकार करने की मुहिम के सिलसिले में लेखक को इन्हीं खेतों के बीच फूस के छप्पर के नीचे मौत के साए में सोना पड़ा।

लेखक ने उन लोगों की करुण दास्तान सुनी जिनके प्रियजन आदमख़ोरों का शिकार बन चुके थे। उन्हें ऐसे साहसी लोग भी मिले जो मौत के मुँह से बच निकले थे। शेर-तेंदुए के हमलों का कारण कुछ हद तक स्वयं मनुष्य भी है। लेखक का मानना है कि लोगों को वन, वन्य प्राणियों, ख़ासकर शेर, तेंदुए तथा अन्य हिंसक जानवरों की आदतों, उनके रहन-सहन और उनकी जीवन-पद्धति के बारे में सही जानकारी देने से ये खतरे टल सकते हैं, और जिन्दगी के खाते में दर्ज की जानेवाली मृत्यु-संख्याएँ कम हो सकती हैं।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Aadamkhoron Ke Beech”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!