Aadhunik Bodh : Dinkar Granthmala
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Description
आधुनिक बोध
इस पुस्तक में आधुनिकता पर केन्द्रित निबन्ध हैं। एक युगद्रष्टा राष्ट्रकवि के मौलिक चिन्तन से ओतप्रोत विचारोत्तेजक ये निबन्ध आधुनिकता के महत्त्व को इस तार्किकता के साथ रेखांकित करते हैं कि पाठकों को अपने राष्ट्र के प्रति एक नई दृष्टि मिल सके। आधुनिकता की परिभाषा क्या है ? धर्म, साहित्य और समाज को वह किस सीमा तक प्रभावित करती है ? क्या नैतिकता, सौन्दर्यबोध की भाँति आधुनिकता का भी कोई शाश्वत मूल्य है ? विज्ञान, औद्योगिकी और टेक्नोलॉजी के निरन्तर प्रसार के सामने हम अपनी संस्कृति का सार किस तरह बचा सकते हैं ?
प्रस्तुत संग्रह के निबन्धों में दिनकर जी ने इन ज्वलन्त प्रश्नों पर न केवल गहराई से विचार किया है, वरन् भारतीय संस्कृति के सनातन जीवन-मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में उनका समाधान भी दिया है। निस्सन्देह, ‘आधुनिक बोध’ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के चिन्तकस्वरूप को उद्घाटित करनेवाली एक श्रेष्ठ बौद्धिक कृति है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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