Aathavan Sarg

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Aathavan Sarg

Aathavan Sarg

60.00 55.00

In stock

60.00 55.00

Author: Surendra Verma

Availability: 12 in stock

Pages: 272

Year: 2017

Binding: Paperback

ISBN: 9789326354257

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

आठवाँ सर्ग

सुदूर अतीत में वर्तमान की रेखाएँ और वर्तमान में विगत की पुनरावृत्ति की दृष्टि से ‘आठवाँ सर्ग’ एक बहुचर्चित नाटक रहा है। कालिदास के महाकाव्य ‘कुमारसम्भव’ के विवादास्पद आठवें सर्ग के उद्दाम श्रृंगार के बहाने इस नाट्य-कृति में कला-क्षेत्र में शीलता-अश्लीलता और सेंसरशिप बनाम अभिव्यक्ति-स्वातन्त्र्य जैसे तीखे विषय लिये गये हैं। यहाँ कथ्य एक ओर ऐतिहासिक है, तो दूसरी ओर ऐसा प्रतीकात्मक अनुभव-खंड, जिसमें एक देशकाल-निरपेक्ष सार्वभौमिक सत्य अन्तनिहित है। इतिहास-बोध, कला-चेतना एवं रंग-कौशल की दृष्टि से ‘आठवाँ सर्ग’ समकालीन नाट्य-दृष्टि और रंगमंच की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2017

Pulisher

2 reviews for Aathavan Sarg

  1. 4 out of 5

    Ashok prajapat

    Useful

  2. 5 out of 5

    डॉ० विनय कुमार सिंह

    विमर्श की दृष्टि से यह रोचक और पठनीय पुस्तक है!


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