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Adhunikta Aur Paigan Sabhyatayen
₹150.00 ₹128.00
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Author: Udayan Vajpayee
Pages: 128
Year: 2021
Binding: Paperback
ISBN: 9789389598773
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
आधुनिकता और पैगन सभ्यताएँ
बातचीत सोच का जरिया हो, सोच का पैमाना हो, सोच का ध्येय भी हो यह बात सिद्ध करते थे सुरेश शर्मा। बातचीत में कहना, सुनना और उसे चित्त धरना तीनों क्रिया शामिल है। सुरेश जितनी गहराई से सोचते थे उतनी ही सतर्कता से सुनते भी थे। और उनके कहने के अन्दाज़ की तो क्या बात करें! शब्दों से आशिक़ी करते थे वह। शब्दों को टटोल कर उनका अर्थ विस्तार करते थे और उन्हें तराश कर अपने अनूठे अन्दाज़ में रखते थे। संगतराश थे वह।
उदयन वाजपेयी के साथ यह बातचीत सुरेश के सोचने के तरीक़े, उसका व्याप, गहराई और शब्द प्रेम का सुन्दर उदाहरण है। जब वर्तमान की इस पल की बात करते थे तब भी उसमें एक लम्बी ऐतिहासिक चेतना साथ आती थी, उनका इतिहास-बोध कोई बोझ रूप नहीं था वह उनके चित्त का, उनकी चेतना का अभिन्न और अनिवार्य अंग था। सुरेश का मनोजगत् सदियों की मानव जंखना और पुरुषार्थ को उसके आनन्द और उसकी वेदना के साथ अपने में समेटे हुए था। पाठक इस ग्रन्थ में सुरेश शर्मा और उनके साथ उदयन वाजपेयी की ध्वनि को सुन पायेंगे।
—त्रिदीप सुहृद
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2021 |
Pulisher |
उदयन वाजपेयी
जन्म : ४ जनवरी, १९६०, सागर, मध्यप्रदेश।
प्रकाशित पुस्तकें :
कुछ वाक्य, पागल गणितज्ञ की कविताएँ (कविता-संग्रह); सुदेशना, दूर देश की गन्ध, सातवाँ बटन (कहानी-संग्रह); चरखे पर बढ़त, जनगढ़ कलम, पतझर के पाँव की मेंहदी (निबन्ध और यात्रा वृत्तान्त) ; अभेद आकाश ( फिल्मकार मणि कौल से बातचीत); मति, स्मृति और प्रज्ञा ( इतिहासकार धर्मपाल से बातचीत); का.ना. पणिक्कर पर थियेटर ऑफ रस और रतन थियाम पर थियेटर ऑफ ग्रेंजर ; वी आँविजि़ब्ल (फ्राँसीसी में कविताओं के अनुवाद की पुस्तक); मटमैली स्मृति में प्रशान्त समुद्र (जापानी कवि शुन्तारो तानीकावा के हिन्दी में अनुवाद); कविताओं, कहानियों और निबन्धों के अनुवाद तमिल, बाङ्ला, ओड़िया, मलयालम, मराठी, अँग्रेज़ी, फ्राँसीसी, स्वीडिश, पोलिश, इतालवी, बुल्गारियन आदि भाषाओं में।
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