Surya Ki Antim Kiran Se Surya Ki Pahali Kiran Tak

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Surya Ki Antim Kiran Se Surya Ki Pahali Kiran Tak

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120.00 95.00

In stock

120.00 95.00

Author: Surendra Verma

Availability: 5 in stock

Pages: 72

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789326351348

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक

हिन्दी नाटक और रंगमंच का यह गौरव आलेख हिन्दी में तो प्रत्येक महत्त्वपूर्ण नाट्य केन्द्र में सफलता से प्रदर्शित हुआ ही है, साथ ही मराठी, कन्नड़, ओड़िया, मणिपुरी एवं तमिल में भी इसकी प्रस्तुतियों ने विशेष ख्याति पायी है। मिथकीय आधार पर कुछेक बहुत तीख़े समकालीन जीवनानुभव इस नाट्य-कृति में रेखांकित हुए हैं। यहाँ एक ओर समसामयिक स्तर पर परिवर्तनशील मूल्यों के सन्दर्भ में दाम्पत्य एवं यौन सम्बन्धों का गहरा और बारीक़ अन्वेषण है, तो दूसरी ओर शासक तथा शासन तन्त्र के आपसी रिश्ते का सार्थक विश्लेषण। सुगठित संरचना-शिल्प, कविता का आस्वाद देती ताज़ा, बेधक रंगभाषा द्वन्द्वाश्रित चरित्र-सृष्टि, परम्परागत मिथक की सामयिक व्याख्या और काम सम्बन्धों के कमनीय, उदात्त चित्रण की दृष्टि से यह रचना भारतीय नाट्य-साहित्य में अद्वितीय है।

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Authors

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Hardbound

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

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