Amarfal

-10%

Amarfal

Amarfal

400.00 360.00

In stock

400.00 360.00

Author: Raghavji Madhad

Availability: 5 in stock

Pages: 208

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9789387980709

Language: Hindi

Publisher: Prabhat Prakashan

Description

जीवनलाल की विनती सुनकर पीछे खड़े दर्शनार्थी भी क्षण भर के लिए स्तब्ध रह गए। अंदर-अंदर चर्चा होने लगी। इधर गोरखनाथ रहस्यमय ढंग से हँसने लगे, मानो जीवनलाल को क्षणार्ध में समझ गए हों। उनकी हँसी सुहावनी और मनोरम लग रही थी। जीवनलाल के पीछे और अगल-बगल खड़े भक्त गोरखनाथ की यह झलक पाकर मन-ही-मन धन्य हो गए, परंतु जीवनलाल पर उसका कोई प्रभाव लक्षित नहीं हुआ। जीवनलाल की याचना ज्यों-की-त्यों थी।

‘‘जीवनलाल !’’

‘‘हाँ !’’ जीवनलाल चौंका। उसे आश्चर्य हुआ—नाथ मुझे नाम से जानते हैं। वह धन्य हो गया।

‘‘आत्मा तो अविनाशी है। उसे मृत्यु के क्षुद्र संबंध से नहीं जोड़ा जा सकता।… और यह मानव जीवन बार-बार नहीं मिलता। चौंसठ लाख योनियों से होकर गुजरने के बाद…’’

‘‘समझता हूँ नाथ !…सब समझता हूँ।’’ अपेक्षा और इरादे में तनिक भी फेर न पड़े, इसकी पूरी सावधानी रखते हुए जीवनलाल ने कहा, ‘‘इस समझ के रास्ते पर चलकर ही आपके पास इच्छा-मृत्यु के लिए आया हूँ।’’

— इसी पुस्तक से

गुजराती  पाठकों  द्वारा  प्रशंसित ममस्पर्शी, संवेदनशील, भावनात्मक, मनोरंजक एवं सुरुचिपूर्ण ये कहानियाँ हिंदी पाठकों को भी प्रभावित किए बिना नहीं रहेंगी।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Amarfal”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!