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Description
अंतरिक्ष यात्रा
अंतरिक्ष-यात्रा विज्ञान के क्षेत्र में अंतरिक्ष-अनुसंधान सदैव ही उत्सुकता का विषय रहा है। पाठक इस विषय की मूलभूत और सैद्धांतिक बातों को सहज-सरल तरीके से समझना चाहते रहे हैं। उनकी उत्सुकता के विषय आमतौर पर यह रहते हैं कि अंतरिक्षयान पृथ्वी से चंद्र, मंगल या शुक्र तक किस प्रकार पहुँचते हैं ? राकेट किस प्रकार बनता है और यह कैसे कार्य करता है ? राकेट में किन ईंधनों का इस्तेमाल होता है ? राकेट-यानों को पार्थिव कक्षाओं में किस प्रकार स्थापित किया जाता है ? ऊपर अंतरिक्ष में भार-रहित अवस्था का निर्माण क्यों होता है ? भविष्य में दूर के ग्रहों तथा नजदीक के तारों तक की यात्राएँ कैसे संपन्न होंगी ? इत्यादि। अपनी ‘अंतरिक्ष-यात्रा’ पुस्तक में प्रसिद्ध विज्ञान लेखक गुणाकर मुले ने इन सारे प्रश्नों के साथ-साथ ‘महिला अंतरिक्ष-यात्री’, ‘अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदम’, ‘अंतरिक्ष में हथियारों की होड़’ जैसे विषयों की भी गहराई से पड़ताल की है, ताकि पाठक अंतरिक्ष के हर एक पहलू से ठीक-ठीक अवगत हो सकें।
पुस्तक में बहुत-से चित्र हैं, जो इस विषय की कई सूक्ष्म बातों को समझने में सहायक सिद्ध होंगे। विषय को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया गया है ताकि पाठकों को विकास की भी जानकारी मिल सके, इसलिए परिशिष्ट में ‘अंतरिक्ष-यात्रा विज्ञान का संक्षिप्त विकासक्रम’ अध्याय विशेष महत्त्व का बन पड़ा है। साथ ही, विषय से संबंधित ‘हिंदी-अंग्रेजी पारिभाषिक शब्दावली’ होने से पाठक अतिरिक्त रूप से लाभांवित हो सकेंगे। अंतरिक्ष-यात्रा के सैद्धांतिक और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में ठोस आधार पर लिखी गई यह पुस्तक पाठकों के साथ-साथ शोधार्थियों और अध्येताओं के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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