Anterlok

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Author: Nandkishore Acharya

Availability: 5 in stock

Pages: 304

Year: 2022

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126706597

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

अंतर्लोक : अध्यात्म संबंधी कविताएँ

कविता बल्कि कला मात्र अपने आपमें एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है-चाहे उसकी विषय-वस्तु कुछ भी हो। स्पष्ट है कि एलियट के लिए धर्म किसी ‘आधि-प्राकृतिक सत्ता में विश्वास’ करना है जबकि आर्नाल्ड के लिए वह मानवमात्र को जोड़ने और जीवन को अर्थ प्रदान करनेवाली चीज़ है-बल्कि कह सकते हैं कि मानवमात्र के जुड़ाव का, संलग्नता का या अद्वैत का यह अनुभव ही जीवन को अर्थ देनेवाली चीज है। ‘आलोक के अनन्त का उद्घाटन’ किसी भी धार्मिक- आध्यात्मिक अनुभव की केन्द्रीय अर्न्तवस्तु यही है। उस उद्घाटन का आलम्बन कोई वैयक्तिक ईश्वर है या कोई निर्वैयक्तिक सत्ता अथवा सम्पूर्णतः भौतिक जगत् के अर्न्तभूत एकत्व का बोध-इससे अनुभूति की गहराई में कोई फर्क नहीं पड़ता यदि वह कवि-कलाकार की अनुभूति है। धार्मिक या आध्यात्मिक अनुभव का अर्थ अपने अस्तित्व के अर्थ की तलाश है। इसके लिए ईश्वर जैसी किसी आधि-प्राकृतिक सत्ता पर विश्वास की अनिवार्यता नहीं है। जिस प्रकार विरह-काव्य अथवा वियोग-श्रृंगार भी प्रेमकाव्य ही हैं, उसी प्रकार जीवन का अर्थ खो देने की पीड़ा और उसे पाने की विकलता भी प्रकारान्तर से धार्मिक-आध्यात्मिक अनुभव ही है।

पॉल टिलिच के शब्दों में, ‘‘जो यह अनुभव करता है कि वह अर्थ के चरम स्रोत से विलग हो गया है, वह अपनी इस प्रतीति द्वारा यह प्रगट करता है कि वह केवल विलग ही नहीं है, वह फिर से संयुक्त हो चुका है।’’ लेकिन यह संयुक्ति किसी सरल और रूढ़िबद्ध धार्मिक विश्वास से नहीं होती, वह उस वेदना में से उपजती है जिसे कार्ल जैस्पर्स ‘ईश्वर के लिए ईश्वर से भावोद्वेगपूर्ण संघर्ष’ कहता है। इसलिए आधुनिक कविता या कला जो सवाल पूछती है, उसका कोई निश्चित समाधान उसके पास नहीं होता। बल्कि उसकी वेदना ही उसका समाधान हो जाती है। इस संकलन में हिन्दी में सक्रिय सभी पीढ़ियों का प्रतिनिधित्व कमोबेश हो सका है जिससे आध्यात्मिक संवेदन के बदलते काव्य-रूपों से हमारा परिचय हो सके।

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Binding

Hardbound

Authors

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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