Apane Apane Pinjre – 1

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Apane Apane Pinjre – 1

Apane Apane Pinjre – 1

195.00 165.00

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Author: Mohandas Naimishrai

Availability: 5 in stock

Pages: 140

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9788170554080

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

अपने-अपने पिंजरे – 1

दलित साहित्य ने बहुत दूर तक साहित्य के अभिजात या संभ्रान्त चरित्र को खण्डित किया और ऐसी तल्ख सच्चाईयों को सम्मुख रखा जिसे इस देश का साहित्यिक मानस स्वीकार करने को तैयार नहीं है। इस शती के सातवें-आठवें दशक में मराठी साहित्य में उभरे दलित स्वर ने इस देश के साहित्य-मानस को बुरी तरह झकझोरा था और व्यथित भी किया था। उसमें न तो वह अभिजात्य था जिसकी हमारे मानस को आदत थी और न वह आडम्बर था जिसे हम बड़े स्नेह से यत्न पूर्वक सहेजते चले आ रहे थे। मराठी में दलित लेखकों द्वारा लिखे गये आत्म-वृत्त इस दृष्टि से बहुचर्चित हैं और महत्वपूर्ण भी। मराठी आलोचक इन रचनाओं को आत्मकथा या आत्मकथाएँ अवकाश ग्रहण के उपरान्त बुढ़ापे में लिखी जाती हैं। वे स्वकेन्द्रित होती हैं। उनमें वर्णित प्रसंग कब के हो चुके होने से ‘भूतकालीन’ होते हैं, ‘वर्तमान’ से उनका कोई सरोकार नहीं होता। आत्मवृत्त युवा लेखकों द्वारा लिखे गये हैं, जिन्होंने अपने वृत्तों के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया है कि आखिर हम कौन हैं, जिस रूप में आज हम समाज में पहचाने जाते हैं उसका कारण क्या है। ऐसे लेखक पीछे मुड़कर इसलिए देखते हैं कि सामने का रास्ता साफ और स्पष्ट दिखाई दे।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2021

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