Apna Samay Nahin

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Apna Samay Nahin

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Author: Ashok Vajpeyi

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789389830972

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

अपना समय नहीं

अपने को लिखना और अपने समय को लिखना वैसे तो दो अलग-अलग काम हैं; पर कविता में वे अक्सर घुल-मिल जाते हैं : अपने को बिना अपने समय के लिखना मुमकिन नहीं होता और अपने समय को लिखना बिना अपने को लिखे हो नहीं पाता। भले हम विवश एकान्त में, अनायास आ गये निर्जन में, ज़्यादातर अपने ही साथ रहे पर समय ने होना स्थगित नहीं किया और न ही उसमें हो रहे हिंसा अत्याचार – घृणा – अन्याय में कोई कमी आयी। कभी लगता था कि यह अपना समय नहीं है और कभी कि हमारा समय कितना कम बदला है। ये कविताएँ अपने और अपने समय के बीच ऊहापोह की इबारतें हैं। उनमें चरितार्थ निराशा और विफलता फिर भी भाषा में विन्यस्त अपरिहार्य मानवीयता, शब्दों में रसी-बिंधी ऊष्मा और दीप्ति से, उम्मीद है, अतिक्रमित होती रही है।

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Authors

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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