Beetate Huye

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Beetate Huye

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495.00 375.00

In stock

495.00 375.00

Author: Madhu Kankariya

Availability: 4 in stock

Pages: 206

Year: 2017

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126708444

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

बीतते हुए

हमारे समाज में प्रचलित रूढ़ मान्यताओं के बरक्स मानवीय स्वतन्त्रता का सवाल सदा ही अनदेखा किया जाता रहा हैं लेकिन मधु कांकरिया की कहानियाँ सिर्फ परम्परागत मान्यताओं की ही नहीं, अधुनिकता के आवरण में लिपटे जीवन-मूल्यों का भी पड़ताल करती हैं और हमारे सामने कई सुलगत हुए सवाल खड़ी कर सोचे को रचनात्मक आयाम प्रदान करती हैं। चाहे नक्सलवादी आन्दोलन पर आधारित लेकिन कामरेड हो, दाम्पतय जीवन में परस्पर विश्वास को रेखांकित करती चूहे को चूहा ही रहने दो हो या बच्चे के स्कूल में दाखिले के लिए एक स्त्री की व्यथा-कथा हो मधु कांकरिया कहीं भी विचार और संवेदना के स्तर पर पाठकों को निराश नहीं करती, बल्कि कथारस के प्रवाह में बहाए चलती हैं।

औपन्यासिक विस्तार की संभावना से युक्त ये कहानियाँ भाषा, शिल्प एवं विचार तत्व के अनूठेपन और भाव एवं विचार के अद्भुत सन्तुलन के कारण निश्चय ही पढ़ी जाएँगी, ऐसा हमारा विश्वास है।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2017

Pulisher

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