Bhas Natya Samagra

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Bhas Natya Samagra

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650.00 525.00

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650.00 525.00

Author: Bharatratna Bhargva

Availability: 5 in stock

Pages: 408

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788196234744

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

भास नाट्य समग्र

भास के समस्त नाट्यकर्म पर दिये गये पन्द्रह व्याख्यानों ने इस पुस्तक की उर्वरक रचना-भूमि तैयार की। ऐसा नहीं कि भास के नाटकों के हिन्दी भाषा में अनुवाद या पाठान्तर उपलब्ध नहीं हों, किन्तु भास के नाट्य विमर्श के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि वे अनुवाद पूरी तरह गद्यात्मक हैं जो नाट्य प्रस्तुति को पाश्चात्य पद्धति से मंचित करने के लिए बाध्य करते हैं। परिणामतः नाट्यशास्त्र में वर्णित आंगिक, वाचिक तथा सात्विक अभिनय का कोई अवकाश नहीं रह जाता। भास के सभी नाटकों में वर्तमान समय के सामाजिकों और आधुनिक रंगमंचीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तनिक छूट ली गयी है, जिससे कि इन नाटकों की समकालीन उपयोगिता में यत्किंचित वृद्धि हो सके। यह छूट भी भरतमुनि कृत नाट्यशास्त्र में निर्देशित संहिता के अनुसार ही ली गयी है। अतः इन नाटकों को हिन्दी अनुवाद न कहकर पाठान्तर की संज्ञा दी गयी है। मूल नाटकों के पद्यांशों को छन्दबद्ध तथा गद्यांशों को मुक्त छन्द में प्रस्तुत किया गया है, जिससे आंगिक और वाचिक अभिनय में भाव, राग तथा ताल के तात्विक गुणों का समन्वय हो सके। इस कार्य में परोक्ष रूप से मेरे गुरुतुल्य स्व. कावलम नारायण पणिक्कर जी से ग्राह्य अनेक रंग-युक्तियों का प्रयोग परिलक्षित है। भास के नाटकों पर उनके साथ किये गये रंगकर्म के कारण यह स्वाभाविक भी था।

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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