Chak Piran Ka Jassa

-15%

Chak Piran Ka Jassa

Chak Piran Ka Jassa

325.00 275.00

In stock

325.00 275.00

Author: Balwant Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 417

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9789352211616

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

चक पीराँ का जस्सा

हिन्दी के जाने-माने कथाकार बलवंत सिह के इस वृहत् उपन्यास में विभाजन से कई वर्ष पूर्व के पंजाब की कहानी है। पात्रों के चयन में लेखक ने बहुत ही सजग दृष्टि का परिचय दिया है, और जीवन के केवल उसी क्षेत्र से उनका चुनाव किया है जो उसके प्रत्यक्ष अनुभव की परिधि में आते है। मुख्यतः जाट-पात्रों के माध्यम से पंजाब के तत्कालीन जनजीवन का बडा ही सजीव चित्र यहाँ प्रस्तुत किया है।

उपन्यास का ताना-बाना मुख्य रूप से दो पात्रों के इर्द-गिर्द घूमता है। एक अनाथ लड़का जस्सासिंह है जिसके पालन-पोषण का दायित्व अनिच्छा से रिश्ते के चाचा बग्गासिंह को लेना पड़ता है। जब जस्सा जवान हो जाता है तब एक विचित्र समस्या उठ खडी होती है। वे दोनों शक्तिशाली हैं, उजड़ हैं, और एक-दूसरे के सामने झुकने को तैयार नहीं है। दोनों एक-दूसरे है घृणा करते हैं, लेकिन उनके हृदय की गहराइयों में कहीं कोई एक ऐसी सुषुप्त भावना है, जिसे प्रेम तो नहीं, लगाव जरूर कहा जा सकता है।

उपन्यास की अपनी एक मौलिक भाषा है जो कथा-कम के अनुरूप डाली गई है। इन दो पात्रों के अतिरिक्त और भी कई पात्र है जो उपन्यास की गति को प्रवाहपूर्ण करते है। ज्यों-ज्यों उपन्यास का कथा-चक्र आगे बढ़ता है, चाचा-भतीजे की समस्याएँ जटिल होती जाती है। उन दोनों की स्थिति न तो घृणा से मुक्त हो जाने की है और न अलगाव को स्वीकारने की। परस्पर-विरोधी भावनाओं के द्वंद्व का समाधान अन्ततः जस्सासिंह दूँढ़ता है और कथानायक की गौरव-गरिमा प्राप्त करता है।

विभिन्न परिस्थितियों के सूक्ष्म मनोविश्लेषण और उपन्यास के जीवंत पात्रों को प्रयासवश भी विस्मृत कर पाना कठिन है। वस्तुतः चक पीराँ का जस्सा सशक्त भाषा-शैली में लिखा गया एक प्रभावशाली उपन्यास है।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Chak Piran Ka Jassa”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!