Chintan Ke Aayam

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Chintan Ke Aayam

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Author: Ramdhari Singh Dinkar

Availability: Out of stock

Pages: 203

Year: 2008

Binding: Hardbound

ISBN: 9788180313271

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

चिन्तन के आयाम

चिन्तन के आयाम में युगदृष्टा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के चिन्तनपूर्ण, लोकोपयोगी बाईस निबन्धों को संगृहीत किया गया है। ये निबन्ध जहाँ एक तरफ दिनकर के चिन्तक–स्वरूप का साक्षात्कार करवाते हैं, वहीं पाठक के ज्ञान–क्षितिज का विस्तार भी करते हैं। दिनकर जी के ये निबन्ध आदर्श मानव राम, लौकिकता और हिन्दू–धर्म, भगवान बुद्ध, बौद्ध धर्म की विश्व–व्यापकता, शान्ति की समस्या, धर्म और विज्ञान, मिली–जुली संस्कृति, गांधी से मार्क्स की परिष्कृति, स्वतन्त्रता के बाद, लोकतन्त्र कुछ विचार, नेता नहीं, नागरिक चाहिए, शीर्षकमुक्त चिन्तन, इल्म की इन्तिहा है बेताबी, शिक्षा के पाँच लक्षण, शिक्षा तब और अब, आधुनिकता का वरण, आधुनिकीकरण, काम–चिन्तन की कणिकाएँ, पुरानी और नई नैतिकता, प्रेम एक है या दो ?, विवाह की मुसीबतें, मूल्य–ह्रास के पच्चीस वर्ष मानवता, हमारी संस्कृति, विवाह, प्रेम, काम, नैतिकता, शिक्षा, आधुनिकता, गांधी, मार्क्स और शिक्षा जैसे विषयों पर उनके गम्भीर–चिन्तन को उद्घाटित करते हैं वहीं लोकतन्त्र, धर्म और विज्ञान तथा मूल्य–ह्रास जैसे ज्वलंत प्रश्नों द्वारा हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

नए रूप में प्रस्तुत इस पुस्तक में निबन्धों को क्रमवार सँजोया गया है जिससे इनकी लयबद्धता एकरूप समान ढंग से चलती जाती है। गम्भीर चिन्तन के नए आयामों के साथ–साथ पुस्तक में सम्मिलित ये निबन्ध दिनकर के व्यक्तित्व को भी समझने में सहायक सिद्ध होते हैं।

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Binding

Hardbound

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Publishing Year

2008

Pulisher

Language

Hindi

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