Deewar Mein Ek Khirkee Rahati Thi

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Deewar Mein Ek Khirkee Rahati Thi

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395.00 295.00

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Author: Vinod Kumar Shukla

Availability: 4 in stock

Pages: 170

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170555414

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

दीवार में एक खिड़की रहती थी

ऐसे नीरस किन्तु सरस जीवन की कहानी कैसी होगी ? कैसी होगी वह कहानी जिसके पात्र शिकायत करना नहीं जानते, हाँ ! जीवन जीना अवश्य जानते हैं, प्रेम करना अवश्य जानते हैं, और जानते हैं सपने देखना। सपने शिकायतों का अच्छा विकल्प हैं। यह भी हो सकता है कि सपने देखने वालों के पास और कोई विकल्प ही न हो। यह भी हो सकता है कि शिकायत करने वाले यह जानते ही ना हों कि उन्हें शिकायत कैसे करनी चाहिये। या तो यह भी हो सकता है कि शिकायत करने वाले यह मानते ही न हों कि उनके जीवन में शिकायत करने जैसा कुछ है भी ! ऐसे ही सपने देखने वाले किन्तु जीवन को बिना किसी तुलना और बिना किसी शिकायत के जीने वाले, और हाँ, प्रेम करने वाले पात्रों की कथा है विनोदकुमार शुक्ल का उपन्यास दीवार में एक खिड़की रहती थी।

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Authors

Binding

Hardbound

Language

Hindi

ISBN

Pages

Publishing Year

2021

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