Doosra Saptak

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Doosra Saptak

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200.00 160.00

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Author: Sachchidananda Hirananda Vatsyayan Ajneya

Availability: 5 in stock

Pages: 176

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789355186010

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

दूसरा सप्तक

यह संग्रह ऐतिहासिक है। एक अर्थ में ‘तार सप्तक’ से भी अधिक, क्योंकि जहाँ ‘तार सप्तक’ के सभी कवियों का अपने परवर्तियों का प्रभाव अलग-अलग देखा जा सकता था, वहाँ ‘दूसरा सप्तक’ के कवियों ने समसामयिक काव्य की प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व किया और उनका प्रभाव अपने समय के काव्य पर पड़ा। आज भी अनेक काव्य प्रेमियों में इस संग्रह की कविताएँ आधुनिक हिंदी कविता के उस रचनाशील दौर की स्मृतियाँ जगाएँगी जब भाषा और अनुभव दोनों में नये प्रयोग एक साथ एक कर सकना ही कवि-कर्म को सार्थक बनाता था।

निस्सन्देह ये कविताएँ अपने में तृप्तिकर हैं—उनके लिए जिन्हें अब भी कविता पढऩे का समय है। साथ ही, इस संग्रह की विचारोत्तेजक और विवादास्पद भूमिका को पढ़ना भी अपने में एक ताजा बौद्धिक अनुभव आज भी है।

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Paperback

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Publishing Year

2022

Pulisher

Language

Hindi

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