Ek Bhav : Anek Naam

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Ek Bhav : Anek Naam

Ek Bhav : Anek Naam

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Author: Madhav Hada

Availability: 5 in stock

Pages: 568

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9789380441740

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

एक भव : अनेक नाम

अपनी जीवन-यात्रा के लिए यह नाम स्वयं मुनि जिनविजय ने ही चुना। अपना आरम्भिक जीवन उन्होंने एकाधिक नामों-किशनसिंह, किशन भैरव, मुनि किशनलाल आदि के साथ जिया। मुनि जिनविजय उनके आरम्भिक जीवन की अन्तिम पहचान थी, इसलिए शेष जीवन में वे इसी नाम से जाने गये। उन्होंने महात्मा गाँधी के आग्रह पर मुनि जीवन छोड़ दिया और पूरी तरह प्राचीन साहित्य के अन्वेषण और संरक्षण के काम में जुट गये। उनके काम की अनदेखी हुई-ऐसा एक तो यह उनके नाम से जुड़े ‘मुनि’ शब्द के कारण हुआ और दूसरे, अपने वर्तमान पर मुग्ध और उससे अभिभूत विद्वान हमारी समृद्ध प्राचीन साहित्यिक विरासत से सम्बन्धित उनके काम की सुध लेना ही भूल गये, लेकिन वे कभी और कहीं नहीं ठहरे, निरन्तर चलते रहे। उन्होंने दो सौ से अधिक प्राचीन ग्रन्थों का अनुसन्धान और सम्पादन-पाठालोचन किया-करवाया, कई संस्थाएँ बनायीं-उन्हें ऊँचाई पर पहुँचाया, महात्मा गाँधी के आग्रह पर असहयोग आन्दोलन में भाग लिया और चित्तौड़गढ़ के निकट चन्देरिया में सर्वोदय साधना आश्रम की स्थापना की। वे कभी एक जगह के नहीं हुए-अहमदाबाद, पूना, बड़ौदा, शान्ति निकेतन, मुम्बई, जोधपुर, जयपुर, चन्देरिया आदि कई जगहों को उन्होंने अपना कार्यस्थल बनाया। वे यूरोप भी गये। उन्होंने जब जो किया, पूरी निष्ठा और मनोयोग से किया और जब उसको छोड़ दिया, तो फिर उस तरफ़ मुड़कर भी नहीं देखा।

मुनि जिनविजय ने अपने आरम्भिक जीवन का अदभुत वृत्तान्त मेरी जीवन प्रपंच कथा नाम से लिखा, लेकिन महात्मा गाँधी की तरह उन्होंने भी अपने सक्रिय और उपलब्धि मूलक जीवन का वृत्तान्त नहीं लिखा। जीवन के अन्तिम चरण में उन्होंने केवल अपने पत्राचार को मेरे दिवंगत मित्रों के पत्र नाम से प्रकाशित करवाया। वे अपने जीवन को लेकर बहुत निर्मम थे। भारतीय इतिहास, पुरातत्त्व, संस्कृति और साहित्य की बुनियाद के लिए विपुल सामग्री जुटाने वाले इस मनीषी से सम्बन्धित सामग्री को, आलोचक और अध्येता माधव हाड़ा ने खोजा, सहेजा और पाठकों के लिए प्रस्तुत किया है। आशा है, यह पुस्तक नयी पीढ़ी के लिए भी उपादेय सिद्ध होगी।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

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