Garibi Aur Akaal

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Garibi Aur Akaal

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275.00 230.00

In stock

275.00 230.00

Author: Amartya Sen

Availability: 5 in stock

Pages: 204

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170283034

Language: Hindi

Publisher: Rajpal and Sons

Description

ग़रीबी और अकाल

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन को विशिष्ट महत्व प्रदान किए जाने का मुख्य कारण यह है कि उन्होंने अर्थशास्त्र को मनुष्य के कल्याण का साधन बनाने के उद्देश्य से जोड़ा और इसके विविध पैमाने भी तैयार किए। इससे पूर्व अर्थशास्त्र को मात्र धन-संपदा का अध्ययन माना जाता था, उन्होंने उसे पहली बार दर्शन और नैतिकता की दिशा में उन्मुख किया। इसके लिए उन्होंने स्वयं तो दर्शन शास्त्र का गहरा अध्ययन किया ही, उसे अर्थशास्त्र के साथ पढ़ाना भी-विशेष रूप से अमेरिका के हारवर्ड विश्वविद्यालय में-आरंभ किया।

मूल सिद्धान्तों के गणितीय निर्माण और विकास के साथ-साथ उन्होंने इसके व्यावहारिक पक्ष-राष्ट्रीय आय, नौकरियाँ, विषमता और ग़रीबी आदि-की गणना और मापन को भी बहुत दूर तक विकसित किया है। प्रस्तुत रचना ग़रीबी और उसी के संदर्भ में अकालों का उनका नवीन विश्लेषण प्रस्तुत करती है। इसने अकाल की अभी तक प्रचलित सभी धारणाओं को उलट-पुलट कर सरकारों को हँसी का पात्र बना दिया।

विकासशील देशों के लिए प्रो. अमर्त्य सेन के विचार और उन पर आधारित योजनाएं विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। यह रचना दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध हुई है।

‘‘लेखक का दिमाग़ सर्चलाइट की तरह काम करता है और पुरानी स्थापित धारणाओं का खंडन करता चलता है…’’

लंदन रिव्यू आव बुक्स

‘‘…समाजशास्त्र की सर्वोत्तम परंपरा को आर्थिक दृष्टिकोण से व्यक्त करने वाली पुस्तक। अनुभव और तर्क पर आधारित।’’

दि इकानामिस्ट, लंदन

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

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