Gyaneshwari Geet Saar

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Gyaneshwari Geet Saar

Gyaneshwari Geet Saar

450.00 449.00

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450.00 449.00

Author: Nandlal Dashora

Availability: 4 in stock

Pages: 394

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

ज्ञानेश्वरी गीता सार
गीता मूलतः एक ज्ञान ग्रन्थ है जिसमें अध्यात्म के सम्पूर्ण विषयों का विवेचन हुआ है। यह एक सूत्र बद्ध ग्रन्थ है जिसके प्रत्येक श्लोक में ही नहीं बल्कि प्रत्येक शब्द में ऐसा गूढ़ार्थ भरा है जिसे सामान्य जन नहीं समझ सकता। जिन विद्वानों ने इसकी व्याख्या की है वे अधिकांशमय बौद्धिक स्तर की ही है जिसमें शब्दों की व्याख्या अधिक मिलती है। यह अद्वैत वेदान्त का एक अनूठा ग्रन्थ है जिसकी व्याख्या कोई ज्ञानी संत ही कर सकता है जिसे स्वयं आत्म अनुभूति हुई है। यह बुद्धि से परे की रचना है।

योगियों एवं ज्ञानियों में परम श्रेष्ठ संत ज्ञानेश्वर का ज्ञान एवं व्यक्तित्व अनूठा है। ये दिव्य ईश्वरी शक्तियों से सम्पन्न थे जिन्होंने मात्र 16 वर्ष की उम्र में ही गीता की व्याख्या इस प्रकार की है जिसे अच्छे से अच्छा ज्ञानी भी नहीं कर सकता। ज्ञानेश्वर की शैली भी अद्भुत है। वे हर स्थान पर एक ही बात को समझाने के लिए उपमाओं एवं उदाहरणों का ढेर लगा देते हैं कि जिससे सामान्य पाठकों को सुनने में बड़ा आनन्द आता है। इसमें शब्दों की व्याख्या मात्र नहीं है बल्कि अपनी भावाभिव्यक्ति अधिक है जिससे यह एक रसपूर्ण काव्य जैसा लगता है। इसमें अद्वैत वेदान्त का सही चित्रण देखने को मिलता है। इसकी शैली साहित्यिक एवं रोचक है। ज्ञानेश्वर के लिए गीता एक माध्यम मात्र है जिसके द्वारा पाठकों के सम्मुख भारतीय ज्ञान का सार निचोड़ रख दिया है। गीता पर लिखा गया यह एक ऐसा प्रामाणिक ग्रन्थ है जिसे पढ़ने के बाद अन्य किसी की व्याख्या पढ़ने की आवश्कता नहीं रहती। जो वेदान्त के रहस्यों को तथा गीता को समझना चाहे उनको यह ग्रन्थ अवश्य पढ़ना चाहिए। 394

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2015

Pulisher

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