Hamari Sanskritik Ekta : Dinkar Granthmala

-16%

Hamari Sanskritik Ekta : Dinkar Granthmala

Hamari Sanskritik Ekta : Dinkar Granthmala

495.00 415.00

In stock

495.00 415.00

Author: Ramdhari Singh Dinkar

Availability: 2 in stock

Pages: 176

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9789389243741

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

हमारी सांस्कृतिक एकता

‘हमारी सांस्कृतिक एकता’ भाषणों और लेखों का संग्रह है। प्रायः सबका विषय भाषा और संस्कृति है। पुस्तक अपने विवेचन-विश्लेषण में दिनकर जी के गहन चिन्तन का द्योतक है। राष्ट्रकवि ने अपनी इस पुस्तक में भारत की विविधता में एकता पर विचार करते हुए भाषा और संस्कृति की भूमिका को वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक के सन्दर्भ में रेखांकित करने की जिस तार्किक दृष्टि का परिचय दिया है, वह एक मिसाल है। उन्होंने उन कारणों की भी तलाश करने की कोशिश की है जिनसे भारतीय एकता अपने भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, भाषिक आदि स्तरों पर प्रभावित होती रही है।

‘संस्कृति है क्या ?’, ‘यह देश एक है’, ‘भारतीय जनता की रचना’, ‘आर्य और आर्येतर संस्कृतियों का मिलन’,  ‘बुद्ध से पहले का हिंदुत्व’, ‘हिंदुत्व से विद्रोह’, ‘वैदिक धर्म से विद्रोह’, ‘हिंदुत्व का खरल’, ‘प्राचीन भारत और बौद्धिक उत्कर्ष’ पाठो के माध्यम से दिनकर जी ने भारतीय भाषा और संस्कृति पर एक सम्पूर्णता की खोज में अपना जो आख्यान प्रस्तुत किया है, वह पाठकों-अध्येताओं को समृद्ध करनेवाला है। एक अत्यंत महत्त्पूर्ण और संग्रहणीय पुस्तक।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Hamari Sanskritik Ekta : Dinkar Granthmala”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!