Hindi Natak Ke Paanch Dashak

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Hindi Natak Ke Paanch Dashak

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995.00 795.00

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995.00 795.00

Author: Kusum Khemani

Availability: 5 in stock

Pages: 272

Year: 2022

Binding: Hardbound

ISBN: 9788183614375

Language: Hindi

Publisher: Radhakrishna Prakashan

Description

हिन्दी नाटक के पाँच दशक

हिंदी रंगमंच की परंपरा सन् 1880 में पसरी थिएटर के माध्यम से आरम्भ होकर 1930 में समाप्त मानी जाती है, लेकिन स्वातंत्रयोत्तर हिंदी नाटकों के इतिहास में रंगमंचीय नाटकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। स्वातंत्रयोत्तर हिंदी नाटकों का आधुनिक दृष्टि से मूल्यांकन करने के लिए भाव-बोध और शिल्प्बोध, इन दोनों ही पहलुओं का अध्ययन आवश्यक है।

इस पुस्तक में समकालीन रंग-परिदृश्य के सन्दर्भ में स्वातंत्रयोत्तर हिंदी नाटकों में निहित आधुनिकता-बोध का अध्ययन, विवेचन और विश्लेषण किया गया है, और हिंदी रंग-नाटक की विशिष्ट उपलब्धियों एवं संभावनाओं को भारतीय और पाश्चात्य रंगमंचीय संदर्भो में जांचने-परखने की कोशिश भी है।

आधुनिक हिंदी नाटक की प्रमुख विशेषताओं और प्रवृत्तियों के रेखांकन के साथ अंतिम डॉ. अध्यायों में प्रस्तुत ‘रंगानुभूति और रंगमंचीय परिवेश’ तथा ‘रंग-भाषा की तलाश : उपलब्धि और सम्भावना’ जैसे अत्यंत महत्त्वपूर्ण, प्रासंगिक और जटिल विषयों के विवेचन नाटक के गंभीर अध्येताओं के साथ-साथ शायद रंगकर्मियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होंगे।

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Hardbound

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Publishing Year

2022

Pulisher

Language

Hindi

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