

Jahan Lakshmi Quaid hai

Jahan Lakshmi Quaid hai
₹395.00 ₹315.00
₹395.00 ₹315.00
Author: Rajendra Yadav
Pages: 166
Year: 2017
Binding: Hardbound
ISBN: 9788171196913
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Description
जहाँ लक्ष्मी कैद है
साहित्य की धारा जहाँ मोड़ लेकर सारे परिदृश्य को नया कर देती है, निश्चय ही वहां कुछ रचनाएँ होती हैं। जहाँ लक्ष्मी कैद है ऐसी ही एक कहानी है। ‘नई कहानी’ आन्दोलन की एक आधार-कथा रचना के रूप में जहाँ लक्ष्मी कैद है का उल्लेख किए बिना स्वतंत्रता के बाद की हिंदी कहानी को नहीं समझा जा सकता। स्वतंत्रता ने जिन सपनों को जगाया था, उन्हें आपसी संबंधो में तिलमिल कर टूटते देखना, महसूस करना और लिखना हिंदी कहानी को नया स्वरुप दे रहा था। समबंधो, मानसिकताओं और भाषा में उतरती द्वान्द्वात्म्क्ता में अकेला, अनसमझा व्यक्ति मोहभंग की त्रासदी का साक्षात् प्रतीक है। हालाँकि ‘नई कहानी’ का प्रारम्भ प्रतीक (संपादक अज्ञेय) के अगस्त, 1951 के अंक में प्रकाशित राजेंद्र यादव की कहानी खेल-खिलोने से माना जाता है, मगर जहाँ लक्ष्मी कैद है नई कहानी-आन्दोलन का अनिवार्य कथा-संग्रह है।
इसी संग्रह में है एक कमजोर लड़की की कहानी नाम की दूसरी बेहद चर्चित कहानी। लंच टाइम और रौशनी कहाँ है जैसे कहानियां सिर्फ एतिहासिक दृष्टि से ही महत्तपूर्ण नहीं हैं, वे आज भी प्रासंगिक हैं। जहाँ लक्ष्मी कैद है संग्रह को पढना एक पीढ़ी के मानसिक इतिहास से होकर गुजरना है।
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2017 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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