Jaise Unke Din Phire

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Jaise Unke Din Phire

Jaise Unke Din Phire

200.00 160.00

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200.00 160.00

Author: Harishankar Parsai

Availability: 5 in stock

Pages: 112

Year: 2022

Binding: Hardbound

ISBN: 9789355183699

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

जैसे उनके दिन फिरे

‘जैसे उनके दिन फिरे’ की ये कहानियाँ—हरिशंकर परसाई की मात्र हास्य कहानियाँ नहीं हैं—यों हँसी इन्हें पढ़ते-पढ़ते अवश्य आ जायेगी, पर पीछे जो मन में बचेगा, वह गुदगुदी नहीं, चुभन होगी।

मनोरंजन प्रासंगिक है, वह लेखक का उद्देश्य नहीं। उद्देश्य है—युग के समाज का, उसकी बहुविध विसंगतियों, अन्तर्विरोधों, विकृतियों और मिथ्याचारों का उद्घाटन। परसाई जी की इन कहानियों में हँसी से बढ़कर जीवन की तीखी आलोचना है। चेतना को झकझोर देनेवाला व्यंग्य और मन को तिलमिला देनेवाली व्यंजना तो पाठक को इन कहानियों में मिलेगी ही, साथ ही वे सब दृश्य, चेहरे और हालात, जो बहुत पास होकर भी अनदेखे रह जाते हैं, उनके सामने प्रकट हो उठेंगे।

प्रस्तुत है पुस्तक का नया संस्करण।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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