Jal Thal Mal

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Jal Thal Mal

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299.00 250.00

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Author: Sopan Joshi

Availability: 4 in stock

Pages: 210

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9789388183369

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

जल थल मल

शौचालय का होना या न होना भर इस किताब का विषय नहीं है। यह तो केवल एक छोटी सी कड़ी है, शुचिता के तिकोने विचार में। इस त्रिकोण का अगर एक कोना है पानी, तो दूसरा है मिटटी, और तीसरा है हमारा शरीर। जल, थल और मल। पृथ्वी को बचाने की बात तो एकदम नहीं है। मनुष्य की जात को खुद अपने को बचाना है, अपने आप ही से। पुराना किस्सा बताता है की समुद्र मंथन से विष भी निकलता है और अमृत भी। यह धरती पर भी लागू होता है। हमारा मल या तो विष का रूप ले सकता है या अमृत का। इसका परिणाम किसी सरकार या राजनीतिक पार्टी या किसी नगर की नीति-अनीति से तय नहीं होगा। तय होगा तो हमारे समाज के मन की सफाई से। जल, थल और मल के संतुलन से।

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Paperback

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Publishing Year

2018

Pulisher

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Hindi

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