Jug Jug Jiye Munna Bhai

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Jug Jug Jiye Munna Bhai

Jug Jug Jiye Munna Bhai

250.00 215.00

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250.00 215.00

Author: Prahlad Agarwal

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2011

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126720538

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

जुग जुग जिए मुन्ना भाई

सिनेमा छवियों का खेल है। उन्हीं चेहरों ने अवाम के दिलों पर राज किया है जो उनके भीतर एक छवि की तरह समा गए। हिन्दी सिनेमा में कुन्दनलाल सहगल से लेकर शाहरुख खान तक अलग-अलग कालखंडों में अनेक छवियों ने दर्शकों को सम्मोहित किया। कुछ अपना सम्मोहन अल्पकाल में ही खो बैठीं और कुछ आज तक नुमायाँ हैं। सिनेमा के पर्दे पर कोई छवि तभी मकबूल होती है जब कलाकार द्वारा अभिनीत पात्र उसके व्यक्तित्व को आच्छादित कर लेते हैं। अपने चरित्र से एकमेक होकर जब कोई कलाकार किसी सार्थक कृति में प्रस्तुत होता है तब कहीं जाकर एक इमेज में ढल पाता है। अनेक प्रतिभाशाली अभिनेता किसी सार्थक चरित्र की प्रतीक्षा ही करते रह जाते हैं और उनकी समूची प्रतिभा सार्थकता का संधान नहीं कर पाती। वहीं इसके विपरीत साधारण क्षमता के अभिनेता भी किसी सार्थक चरित्र के द्वारा एक हरदिल-अजीज इमेज में तब्दील होकर यादगार बन जाते हैं।

कुन्दनलाल सहगल, अशोक कुमार, दिलीप कुमार, राजकपूर, देव आनन्द, बलराज साहनी जैसी अनेक छवियाँ आज सिनेमा के वर्तमान में मौजूद न होते हुए भी अपनी जीवन्त उपस्थिति अपनी छवियों के कारण ही बनाए हुए हैं। इक्कीसवीं शताब्दी में हिन्दी सिनेमा ने एक नई छवि गढ़ी – मुन्नाभाई। उसे संजय दत्त ने इस तरह अंजाम दिया कि संजय दत्त खो गया और मुन्नाभाई ने उसकी जगह ले ली। मुन्नाभाई की यह छवि इक्कीसवीं शताब्दी के पहले दशक में सबसे महत्त्वपूर्ण हो गई है तो सिर्फ इसलिए क्योंकि यह यथार्थ और कल्पना को एकाकार करते हुए हमें आत्मावलोकन के लिए प्रेरित करती है। वह हमारे भीतर इस तरह पैठती है कि हम सत् की ओर एक कदम आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं। नकारात्मक छवियों का भयानक संजाल तोड़कर मुन्नाभाई जीवन के सकारात्मक बिंब को उभारता है।

सो, जुग जुग जिए मुन्नाभाई – जो आदमी से इंसान बनने की प्रक्रिया में हमारा हमसफर बनता है। वह छवि जो हिन्दी सिनेमा में सबसे नई उभरकर ही नहीं आई है अपितु जिसने परिदृश्य को सार्थक दिशा की ओर मोड़ने में भी अपना विनम्र योगदान दिया है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2011

Pulisher

Language

Hindi

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