Kajari

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Author: Shanti Jain

Availability: 5 in stock

Pages: 140

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 9789351460763

Language: Hindi

Publisher: Vishwavidyalaya Prakashan

Description

कजरी

सावन शुरू होते ही काले कजरारे बादलों को देखकर लोक हृदय से स्वतः निःसृत गीत के रूप में कजरी’ वह उमंगपूरित रस कलश है, जिसमें श्रृंगार सौन्दर्य की निराली छटा है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, प्रेमघन, निराले, छबीले, अम्बिकादत्त व्यास आदि के कारण कजरी लोकप्रियता की पराकाष्ठा पर पहुँची।

‘कजरी’ के परिचय, उद्भव एवं विकास, उसके वर्ण्य विषय तथा कजरी के सांगीतिक पक्ष के उद्घाटन में डॉ० शान्ति जैन का प्रयास सार्थक और सराहनीय है। भोजपुरी, मगही, मैथिली, निर्गुण और साहित्यिक कजरियों द्वारा इस पुस्तक को कलाकारों का कण्ठहार बना दिया गया है। गीतों की स्वरलिपियों को उपस्थापित कर लेखिका ने संगीत साधकों, अध्येताओं एवं मर्मज्ञ रसिकों को लोक-साहित्य के प्रति सजग बना दिया है।

लोककला,  लोकसंगीत एवं लोकसाहित्य के प्रति डॉ० शान्ति जैन की यह प्रतिबद्धता निश्चय ही अपनी संस्कृति, अपनी विरासत को सहेजने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।

 

अनुक्रम

  • शुभाशंसा – डॉ० अर्जुन तिवारी

आत्मा के स्वर

  • कजरी : परिचय
  • कजरी : उद्भव और विकास
  • कजरी के प्रकार
  • कजरी का वर्ण्य-विषय
  • कजरी गायन की समय-सीमा
  • कजरी-दंगल और मेले
  • कजरी का साहित्यिक पक्ष

कजरी-संग्रह

  • उत्तर प्रदेश की कजरियाँ
  • भोजपुरी कजरियाँ
  • मगही कजरियाँ
  • मैथिली कजरियाँ
  • निर्गुण कजरियाँ
  • साहित्यकारों की कजरियाँ
  • कजरी के रेकॉर्ड

कजरी गीतों की स्वरलिपियाँ

  • संकलित कजरी गीतों का अनुक्रम

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2015

Pulisher

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