Kavya Ki Bhumika

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Kavya Ki Bhumika

Kavya Ki Bhumika

595.00 445.00

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595.00 445.00

Author: Ramdhari Singh Dinkar

Availability: 5 in stock

Pages: 174

Year: 2022

Binding: Hardbound

ISBN: 9788180314148

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

काव्य की भूमिका

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की अनुपम कृति है जिसमें ग्यारह विचारोत्तेजक निबन्ध संग्रहीत हैं। रीतिकाल का नया मूल्यांकन, छायावाद की भूमिका, छायावादोत्तर काल, प्रयोगवाद, कोमलता से कठोरता की ओर आरम्भ के निबन्धों में रीतिकाल से लेकर प्रयोगवाद तक की प्रमुख प्रवृत्तियों का विवेचन किया गया है। भविष्य की कविता निबंध में यह समझाने की चेष्टा की गयी है कि वैज्ञानिक युग में कविता अपने किन गुणों पर जोर देकर अपना अस्तित्व कायम रख सकती है। कविता ज्ञान है या आनन्द, रुपकाव्य और विचारकाव्य, प्रेरणा का स्वरूप, सत्यम् शिवम् सुन्दरम, कविता की परख युवाशक्ति के नाम कवि का संदेश है।

आशा है उच्चकोटि के उच्च साहित्य के विद्यार्थियों तथा काव्य प्रेमियों को कवि दिनकर की यह कृति नया मार्गदर्शन करेगी।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

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