Maanas Ka Us

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Maanas Ka Us

Maanas Ka Us

400.00 360.00

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400.00 360.00

Author: Kumar Mithilesh Prasad Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 188

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789390659180

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

मानस का उस

‘मानस का उस’ मनोभाव की एक अवस्था है। जैसे ‘मैं’ अहंभाव का द्योतक है वैसे ही ‘उस’ नकारात्मक भाव का। जब किसी कार्य के बिगड़ने की बात आती है तो झट से ‘उस भाव’ का आरोपण दूसरों पर हो जाता है और कह उठते हैं—मैंने नहीं, उसने ऐसा कर दिया। मतलब उसके तर्कों से स्पष्ट हो जाता है कि उक्त कार्य के सकारात्मक पक्ष को तो उसने बखूबी अंजाम दिया, किन्तु नकारात्मक पक्ष इसलिए सामने आया, क्योंकि उसने ऐसा कर दिया। गोया उसका हाथ नहीं लगता अथवा उसकी भूमिका इसमें नहीं होती तो सफलता में संदेह होता ही नहीं।

‘मानस का उस’ में कुल तेरह कहानियाँ है। सभी कहानियाँ पठनीय एवं समकालीनता से पूर्ण है। उम्मीद है कि, ये सभी कहानियाँ पाठकों को पसंद आयेंगी। कहानियों में सामाजिकता के विविध प्रसंगों को उभारने की कोशिश की गई है, जिसको देखने हेतु नजरियों को भी प्रयोगधर्मी रखने पर जोर दिया गया। विश्वास ही नहीं अपितु दावा है कि विभिन्न कहानियों से गुजरते हुए पाठकों को आवश्यक और मनपसंद विषयों से गुजरने का अहसास होगा, जो समय और हालात की माँग है। सभ्यता को श्लिष्ट रखने के लिए यह निहायत ही आवश्यक है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

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