Microsoft Success Story
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Description
माइक्रोसॉफ्ट सक्सेस स्टोरी
माइक्रोसॉफ्ट व्यक्तिगत कंप्यूटर बाजार का ‘एकाधिकारवादी’ (मोनोपॉली) ब्रांड रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से फोर्ब्स पत्रिका की ‘विश्व के सबसे मूल्यवान 100 ब्रांड’ की सूची में एप्पल व गूगल के बाद माइक्रोसॉफ्ट तीसरे पायदान पर खिसक गया है। लेकिन फरवरी 2014 में सत्य नारायण नडेला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी.ई.ओ.) बनने के बाद माइक्रोसॉफ्ट के ब्रांड मूल्य में लगातार सुधार दर्ज किया गया था। मई 2017 में फोर्ब्स ने 16 प्रतिशत बढ़त के साथ माइक्रोसॉफ्ट का ब्रांड मूल्य 87 अरब डॉलर आँका था।
घर-घर में कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर पहुँचाकर ‘माइक्रोसॉफ्ट’ ने एक प्रकार से मानव-जाति पर उपकार किया है, क्योंकि इनके कारण दैनंदिन जीवन सुविधाजनक हो गया है। चाहे बैंकिंग हो या रेल-हवाई जहाज टिकेटिंग, प्रबंधक हो या कर्मचारी, हर क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट के प्रोडक्ट काम की गति बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कंप्यूटर-क्रांति में अग्रणी भूमिका निभानेवाली ‘माइक्रोसॉफ्ट’ कंपनी की सफलगाथा।
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अनुक्रम
भूमिका—7
1. गेट्स और एलन का कंप्यूटर-प्रेम—11
2. सॉटवेयर कारोबार की ओर बढ़ते कदम —28
3. माइक्रोसॉट की स्थापना और शुरुआती संघर्ष —52
4. जोरदार विस्तार और एप्पल में घुसपैठ —72
5. आई.बी.एम. समझौता और एलन की जुदाई —93
6. विंडोज का विकास और आई.पी.ओ. की धूम —118
7. सॉटवेयर पर कजा और इंटरनेट का संघर्ष —138
8. चौतरफा विस्तार और बढ़ती जटिलताएँ —170
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
Reviews
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