- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
पढ़ार्ई
पढ़ार्ई उपन्यास में 1915 से 1935 के बीच के समय की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में मुख्यतः आंध्र प्रदेश के गुंटूरु जिले के मध्यवर्गीय परिवारों और उनकी दो पीढ़ियों के जीवन को देखा जा सकता है।
इस उपन्यास का मुख्य पात्र है सुंदरम। उपन्यास की सभी घटनाएँ सुंदरम की पढ़ाई की प्रगति तथा उसके आत्मविकास से संबंधित हैं। समाज से ज्ञान की प्राप्ति किस प्रकार होती है और वह सामाजिक इतिहास का अंतर्भाग किस प्रकार बन जाता है, यह इस उपन्यास में ख़ूबसूरत ढंग से चित्रित किया गया है। मध्यवर्गीय बुद्धिजीवी युवक सुंदरम को संवेदनशीलता, ज्ञान-पिपासा, उसका कोमल मन और इन भावनाओं से उपजा विरोधाभास, उसके व्यक्तित्व-विकास में कैसी भूमिका निभाता है – यह सब इस उपन्यास में बेहद बारीकी से दिखाया गया है। लेखक ने इस उपन्यास के बारे में एक साक्षात्कार में कहा था – “चदुवु (पढ़ाई) उपन्यास मेरी आत्मकथा पर आधारित उपन्यास नहीं है। मुख्य पात्र का इतना प्राधान्य नहीं है। सामाजिक इतिहास की ही प्रधानता है। अनुभव मेरे नहीं हैं, पर बाक़ी जितना भी चित्रण है, वह मेरा देखा हुआ है।’’
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2012 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.