Phulwadi Bhag 10

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Phulwadi Bhag 10

Phulwadi Bhag 10

150.00 149.00

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Author: Vijaydan Detha

Availability: 5 in stock

Pages: 208

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9788126020492

Language: Hindi

Publisher: Sahitya Academy

Description

फुलवाड़ी भाग 10

कंठों के सहारे जीनेवाली कथाओं का महत्त्व केवल ऐतिहासिक ही नहीं है, अपितु वे वर्तमान समाज की सांस्कृतिक स्थितियों पर भी एक टिप्पणी प्रस्तुत करती हैं। मन की संभवतया किसी भी दशा को लोककथाओं ने अछूता नहीं छोड़ा। आदमी और आदमी के बीच के संबंध, एक जाति के अन्य जाति से संबंध, आदमी का प्रकृति से संबंध और आदमी के दैनंदिन अनुभवों के साथ जो संबंध निर्मित हुए, सभी वस्तुस्थितियों ने लोक मानस को उद्देलित किया। कर्भी ऐतिहासिक घटना, कभी किसी चमत्कारिक वस्तुस्थिति तो कभी मन के सहज विश्वास ने कथाओं के क्रमिक सृजन में अपना योगदान किया। जो कथाएँ समाज के यथार्थ के साथ चल सकती थीं – वे जीवित परंपरा के रूप में चलती रहीं और जिनका संदेश काल की गति में अपनी उपयोगिता खो चुका था-वे सहज ही विलुप्त हो गईं। उपयोगिता की यही धारणा भावी समाज की लोक-कथाओं की संरचना और उनके संघटन की प्रक्रिया के साथ जुड़ी रहेगी।

प्रस्तुत कृति फुलवाड़ी : भाग दस साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत विजयदान देथा कृत बाताँ री फुलवाड़ी के दसवें भाग का हिंदी अनुवाद है। इस भाग की प्रथम दस कथाओं का संबंध सर्प से है। इसके बाद की ग्यारह कथाएँ विभिन्‍न विषयों पर हैं।

अनुक्रम

★       मणि कौल का पत्र

       लोक-कथाओं को समझने का उपक्रम

       रस कस दीया जले

       दुमकटा भाई

       कालिंदर की सुगराई

       एक नुगरा साँप

       फूलकुँवर

       सुनहरा साँप

       सीधा हिसाब

       लिखे लेख टलें

       जूना साँप

       नागिन तेरा वंश बढ़े

       दिवाले की बपौती

       दुविधा

       आसमान जोगी

       फितरती चोर

       बड़ा कौन ?

       बुरा और भला

       करनी जैसी भरनी

       घर के पास घर

       ना का मतलब हाँ

       बेटा किसका ?

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

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