Prabhat Brihat Hindi Shabdakosh (Vol-1-2)

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Prabhat Brihat Hindi Shabdakosh (Vol-1-2)

Prabhat Brihat Hindi Shabdakosh (Vol-1-2)

2,000.00 1,700.00

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2,000.00 1,700.00

Author: Shyam Bahadur Verma

Availability: 4 in stock

Pages: 4448

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9788173157714

Language: Hindi

Publisher: Prabhat Prakashan

Description

बृहत् हिन्दी शब्दकोश

हिन्दी के प्रयोग की बढ़ती व्यापकता को देखते हुए हिन्दी-प्रेमी प्रबुद्ध वर्ग हिन्दी के एक नवीन और सर्वांगपूर्ण विशाल कोश की आवश्यकता तीव्रता से अनुभव कर रहा था। हिन्दी के उपलब्ध शब्दकोशों में भी नए प्रचलित हो चुके शब्दों का अभाव खटक रहा था। साथ ही ज्ञान-विज्ञान की अनेक शाखाओं के सहज अंग्रेज़ी शब्दों के हिन्दी समानार्थक, सरकारी पारिभाषिक शब्दावलियों के कारण पुस्तकों और पत्र-पत्रिकाओं में प्रयुक्त तो हो रहे थे, परन्तु पाठकों को उनका अर्थ समझ पाना दुष्कर ही था।

प्रस्तुत शब्दकोश उन सब आवश्यकताओं की पूर्ति तो करता ही है, परंतु इसकी महत्त्वपूर्ण विशेषता व्युत्पत्ति-सम्बन्धी है। हर प्रविष्टि के बाद कोष्ठक में शब्द की भाषा और व्युत्पत्ति का निर्देश है। कभी-कभी शब्द के अर्थ की स्पष्टता के लिए कोई उदाहरण देना उपयोगी होता है। इसके लिए पहले बड़े और तिरछे अक्षरों में ‘उदा’ का प्रयोग किया गया है और पुस्तक, लेखक आदि का पर्याप्त सन्दर्भ भी दिया गया है। अन्य शब्दकोशों से इतर ‘बृहत् हिन्दी शब्दकोश’ की एक विशेषता यह भी है कि इसमें विविध छन्दों (दोहा, सोरठा इत्यादि) की परिभाषा की जानकारी भी प्रविष्टि के अर्थ-क्रम में ‘छन्द’ की पूर्व सूचना के साथ दी गयी है।

अरबी शब्द ‘मुहावरा’ के लिए हिन्दी शब्द ‘वाग्बन्ध’ को अपनाते हुए प्रविष्टियि में यथा आवश्यकता वाग्बन्ध (मुहावरे) भी शब्द के अर्थ आदि के बाद बड़ी संख्या में सँजोये गये हैं और उनके अर्थ भी स्पष्ट कर दिये गये हैं। मानविकी, विज्ञान की अनेकानेक शाखाओं इत्यादि के गढ़े गये हज़ारों शब्दों में से केवल प्रचलित पारिभाषिक शब्दों को प्रविष्टियि-रूप में स्थान दिया गया है। नयी सूझ-बूझ की परिचायक ये भाषिक टिप्पणियाँ हैं—

  1. अनुकरनात्मक शब्द
  2. निपात
  3. पुनरुक्ति
  4. संकर शब्द
  5. रंग-सम्बन्धी शब्दावली।

इसके बाद एक वैज्ञानिक टिप्पणी है—रासायनिक तत्त्व। अन्त में समाविष्ट साहित्यिक टिप्पणी है—साहित्यिक उपनाम। शब्दकोश के अन्त में दिये गये 9 परिशिष्टों ने इस कोश की उपयोगिता को कई गुना बढ़ा दिया है। हमारी राष्ट्रभाषा और राजभाषा हिन्दी के निरन्तर बढ़ते व्यापक प्रयोग को देखते हुए एक नवीन विशाल शब्दकोश की रचना की आवश्यकता की पूर्ति इस शब्दकोश से होगी, ऐसा हमारा विश्वास है।

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2021

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