Premchand Ke Shreshth Nibandh

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Premchand Ke Shreshth Nibandh

Premchand Ke Shreshth Nibandh

300.00 255.00

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Author: Satyaprakash Mishra

Availability: 5 in stock

Pages: 138

Year: 2013

Binding: Hardbound

ISBN: 9788180317613

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

प्रेमचन्द के श्रेष्ठ निबन्ध

इस पुस्तक में संकलित निबन्धों और लेखों से प्रेमचन्द के दृष्टिकोण को समझने में, उनकी रचनाओं को विवेचित करने में न केवल मदद मिलेगी, बल्कि प्रेमचन्द के समय को भी परिभाषित करने में सुविधा होगी। आजादी या स्वाधीनता का क्या अर्थ प्रेमचन्द समझते थे और राजनैतिक हल्कों में उन्हें क्या दीख रहा था इसमें काफी फर्क है। लेखों को पढ़कर उस फर्क को पहचाना जा सकता है। उनकी रचनाओं से उनकी तुलना की जा सकती है। नवजागरणकालीन अन्य रचनाकारों की तरह से वे समग्र चेतना के रचनाकार थे। उनकी भाषा का तेवर और वाक्य-विन्यास अंग्रेजी वाक्य-विन्यास का हिन्दी रूपान्तर नहीं है, बल्कि कौम के मानसिक विकास का कायान्तरण है।

भाषा रुकी हुई या बाधा डालनेवाली अपारदर्शी नहीं, पारदर्शी है। वे अपरिचित को भी पारिवारिक और परिचित की तरह प्रस्तुत करते हैं। वस्तुपरक, विषय-प्रधान लेखों में भी गहरी आत्मीयता है अलगाव नहीं है। इसलिए वे हमारे पूर्वज ही नहीं समकालीन हैं।

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Authors

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Hardbound

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Publishing Year

2013

Pulisher

Language

Hindi

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