Ramvriksha Benipuri Rachna Sanchayan

Sale

Ramvriksha Benipuri Rachna Sanchayan

Ramvriksha Benipuri Rachna Sanchayan

350.00 349.00

In stock

350.00 349.00

Author: Mastram Kapoor

Availability: 5 in stock

Pages: 798

Year: 2015

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126010271

Language: Hindi

Publisher: Sahitya Academy

Description

रामवृक्ष बेनीपुरी रचना संचयन

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के विपुल लेखन से प्रेरित रामवृक्ष बेनीपुरी साहित्य की हर विधा में लिखकर साहित्य जगत में छा जाना चाहते थे। उन्होंने उपन्यास, कहानी, शब्दचित्र, रेखाचित्र, नाटक, एकांकी, जीवन-साहित्य, बाल-किशोर साहित्य, निबन्ध, संस्मरण और भ्रमण सम्बन्धी कृतियों का ही प्रणयन नहीं बल्कि कविताएँ लिखीं और बाङ्ला तथा अंग्रेज़ी से कविताओं के अनुवाद भी किए। हिन्दी में शब्द चित्रों की एक अनोखी दुनिया तैयार करनेवाला रामवृक्ष बेनीपुरी जैसा अप्रतिम चितेरा सम्भवतः कोई दूसरा नहीं है। उनकी रचना-शैली की जादुई छड़ी के प्रशंसकों में मैथिलीशरण गुप्त, शिवपूजन सहाय, रामधारी सिंह दिनकर, जगदीशचन्द्र माथुर और माखनलाल चतुर्वेदी प्रमुख थे। माटी की मूरतें कृति यूनेस्को द्वारा विश्व की कई भाषाओं में अनूदित करवाई गई है।

हिन्दी साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान को देखते हुए साहित्य अकादेमी ने उनकी जन्मशती के अवसर पर रामवृक्ष बेनीपुरी रचना संचयन का प्रकाशन किया है। इसमें उनकी प्रतिनिधि रचनाएँ इस तरह संकलित की गई है कि पाठक को हर विधा में लिखी गई उनकी रचनाओं का आस्वाद मिल सके। इस कार्य में उनके पुत्र-श्री जितेन्द्र बेनीपुरी और श्री महेन्द्र बेनीपुरी का विशेष योगदान मिला है। प्रस्तुत संचयन के लिए सामग्री का चयन और सम्पादन डॉ.मस्तराम कपूर (जन्म 22 दिसम्बर 1926 ईं.) ने किया है। प्रसिद्ध समाजसेवी लेखक, चिन्तक और सम्पादक डॉ.कपूर कई महत्त्वपूर्ण संस्थाओं में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। अभी हाल में उनके द्वारा संपादित स्वतन्त्रता सेनानी ग्रन्थमाला (ग्यारह खंड़ों में) प्रकाशित हुई है। किसी भी संचयन की यह सीमा है कि उसमें कुछ-न-कुछ रचनाएँ संकलित होने से अवश्य रह जाती हैं। आशा है, पाठकों को यह ऐतिहासिक आयोजन पसंद आयेगा और वे बेनीपुरी जैसे यशस्वी रचनाकार के रचना-वैविध्य से अवश्य ही अनुप्राणित एवं लाभान्वित होंगे। साहित्य अकादेमी की एक विनम्र प्रस्तुति।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2015

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Ramvriksha Benipuri Rachna Sanchayan”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!