- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
साहित्य और समाज
साहित्य और समाज समर्थ साहित्यकार, ओजस्वी वक्ता और प्रखर चिन्तक राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के साहित्य की विभिन्न विधाओं और समस्याओं को समर्पित चिंतनपूर्ण अठारह निबंधो का संकलन है। यह पुस्तक यहाँ एक तरफ-परंपरा और भारतीय साहित्य, साहित्य पर विज्ञानं का प्रभाव, साहित्य में आधुनिकता, समाजवाद के अन्दर साहित्य, साहित्य का नूतन ध्येय, कलाकार की सफलता, भविष्य के लिए लिखने की बात, लेखकों का कार्य-शिविर, हिंदी साहित्य पर गांधीजी का प्रभाव, पाकिस्तान के पीछे साहित्य की प्रेरणा, श्री अरविन्द की साहित्यिक मान्यताएँ जार्ज रसल का साहित्य-चिंतन आदि निबंधों द्वारा समाज और साहित्य पर प्रकाश डालती है तो दूसरी तरफ-अर्धनारीश्वर, कला, धर्म और विज्ञान, आउट-साइडर, रविंद्रनाथ की राष्ट्रीयता और अन्तराष्ट्रीयता, क्या रविंद्रनाथ अभारतीय हैं ?, महात्मा टॉलस्टॉय जैसे विषयों पर दिनकर जी के गंभीर चिंतन को भी हमारे सम्मुख लाती है।
पठनीय और मननीय निबंधो से सुसज्जित यह पुस्तक राष्ट्रकवि दिनकर के चिन्तक स्वरुप को उद्घाटित करनेवाली एक श्रेष्ठ बौद्धिक कृति है।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2008 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.