Samaj Vigyan Vishwakosh : Vols. 1-6

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Samaj Vigyan Vishwakosh : Vols. 1-6

Samaj Vigyan Vishwakosh : Vols. 1-6

3,600.00 2,700.00

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Author: Abhay Kumar Dube

Availability: 3 in stock

Pages: 2663

Year: 2016

Binding: Paperback

ISBN: 9788126728497

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

समाज विज्ञान-विश्वकोश भाग – 1-6

छह खंडो और तीन हजार पृष्ठों में फैला समाज-विज्ञान और मानविकी का यह विश्वकोश राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के 26 विद्वानों के मार्गदर्शन में 60 समाज-वैज्ञानिकों द्वारा अनुवाद का सहारा लिये बिना मूल हिंदी में तैयार किया गया है। कोष की 1015 प्रविष्टियाँ विश्व के 229 समाज-वैज्ञानिकों, सिद्धान्तकारों, दार्शनिकों, समाज-चिंतकों, साहित्य-निर्माताओं और विमर्शकारों के कृतित्व की जानकारी, देने के साथ-साथ सभी महत्त्वपूर्ण अवधारणाओं, दर्शनों, बहसों, क्रांतियों और आन्दोलनों का विश्लेष्णात्मक परिचय देती हैं।

अर्थशास्त्र की 104, इतिहास की 107, अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध की 52, दर्शन की 135, राजनीतिशास्त्र की 448, मीडिया, फिल्म और टीवी-अध्ययनों की 50, स्त्री और सेक्शुअलिटी-अध्ययन की 69, समाजशास्त्र और मानवशास्त्र की 140 प्रविष्टियों के अतिरिक्त इस कोष में गाँधी-विचार से सम्बंधित 32 और मार्क्सवाद से सम्बंधित 117 प्रविष्टियाँ भी दर्ज हैं।

समाजशास्त्र, मानवशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, भाषाशास्त्र, मनोविज्ञान, स्त्री-अध्ययन, सेक्शुअलिटी-अध्ययन, संस्कृति-अध्ययन, अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध-अध्ययन, मीडिया-अध्ययन, फिल-अध्ययन, टीवी-अध्ययन, साहित्य-अध्ययन, इतिहास और दर्शनशास्त्र के अध्येताओं, छात्रों, अध्यापकों, पत्रकारों, बुद्धजीवियों और गंभीर पाठकों के लिए उपयोगी इस कोष की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी 430 प्रविष्टियाँ भारतीय दर्शन, राजीनीति, समाज, संस्कृति, मीडिया, आधुनिकता और इतिहास पर विशेष रूप से प्रकाश डालती हैं।

भारतीय लोकतंत्र, भारतीय राज्य, भारतीय सेकुलरवाद, दलित-विमर्श, हिन्दुत्ववादी विमर्श, भारत के राजीनीतिक दलों और राज्यों की राजनीति की जानकारी देनेवाली प्रविष्टियों के अतिरिक्त भारतीय धर्म-दर्शन से सम्बंधित प्रविष्टियों में उन दार्शनिकों, विचारकों और सिद्धान्तकारों के बौद्धिक परिचय भी शामिल हैं जिन्हें अंग्रेजी और पश्चिम द्वारा थमाये गये सिद्धांतों के प्रभाव में लगभग अदृश्य कर दिया गया है। कई प्रविष्टियाँ आधुनिक भारत की संस्थागत संरचना में निर्णायक योगदान देने वाली हस्तियों पर भी हैं।

विश्वकोश में हिंदी के निर्माताओं, साहित्य और विचार-जगत पर भी काफी सामग्री है। ‘अतिक्रमण’ से ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष’ तक पहले खंड की 154 प्रविष्टियों में इतिहास-लेखन के अनाल स्कूल से लेकर टॉयनबी और स्पेंगलर के कृतित्व; कौटिल्य के अर्थशास्त्र और आर्यभट के योगदान; ऐडम स्मिथ, अल्फ्रेड मार्शल और अमर्त्य कुमार सेन के आर्थिक चिंतन; एंटोनियो ग्राम्शी के विचारों; आधुनिकता की सैदान्तिक योजना; अमेरिका के एफेर्मेटिव एक्शन और भारत में आरक्षण के विभिन्न पहलुओं; उपनिवेशवाद विरोधी आन्दोलन के सशस्त्र और शांतिपूर्ण आयामों, अल-गजाली, इब्न खाल्दून, अल-किंदी, अबु-अला मौदूदी और असगर अली इंजीनियर के विमर्श; एडमंड बर्क, ई.एच. कार, एडवर्ड सईद, एरिक फ्राम और आशिस नंदी के विमर्श की झलकियाँ; अमेरिकी क्रांति और आत्मसम्मान आन्दोलन से लेकर अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन तक के ब्योरे शामिल हैं।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2016

Pulisher

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