Samay Ke Sulagte Sarokar

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Samay Ke Sulagte Sarokar

Samay Ke Sulagte Sarokar

395.00 325.00

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Author: Sewaram Tripathi

Availability: 5 in stock

Pages: 199

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9789389243260

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

समय के सुलगते सरोकार

महात्मा बुद्ध ने कहा है—प्रश्न करो। हर स्थिति पर प्रश्न करो। परन्तु, आज व्यवस्था ने प्रश्न करने को अपराध करार कर दिया है। ऐसे बन्धनकारी युग में जीवित रहने के लिए प्रश्न करने को ज़रूरी मानते हैं प्रो. सेवाराम त्रिपाठी। उनके अनुसार प्रश्न करना ही संसार और समाज की बेहतरी का मूलमंत्र है। समय, समाज और युग की प्रश्नाकुल शिनाख़्त करते उनके वैचारिक लेखों की पुस्तक है—‘समय के सुलगते सरोकार’। सेवाराम त्रिपाठी जी के इस निबन्‍ध-संकलन में उनका समय प्रतिबिम्बित ही नहीं, परिभाषित भी हुआ है। निरन्तर और तेज़ी से बदल रहे समाज, राजनीति और सांस्कृतिक हलचलों को अनेक पक्षों से देखने के बाद एक सुचिन्तित पड़ताल यहाँ सहज ही देखी जा सकती है। इस सहजता के पीछे एक सुदीर्घ चिन्‍तन-परम्परा और गम्भीर विचार-प्रणाली का ठोस आधार है।

व्यापक विस्तार वाले इन निबन्धों में एक समाजशारत्री की चेतना और एक गम्भीर अध्येता का विवेक उपस्थित है। विवाह-संस्था, सामाजिक-पारिवारिक सम्बन्ध, लोकतंत्र के वातावरण में हो रहे कठिन बदलाव, शोषण का व्यापक होता दायरा, पर्यावरण की बदहाली, सामर्थ्यवान युवाओं और शक्तिमान मीडिया की सामजिक भूमिका, लोकतंत्र के वर्तमान और भविष्य को समझने-समझाने की यहाँ आवश्यक कोशिश की गई है।

वृद्ध होते लोगों और आधी दुनिया यानी औरतों की सामाजिक हैसियत की इतनी गहरी समीक्षा अन्यत्र दुर्लभ है। हम साफ़ देख सकते हैं कि लड़खड़ाते लोकतंत्र की हर बारीक डगमगाहट इन लेखों में अंकित है। इन्हीं बारीकियों और यथार्थ को नए दृष्टिकोण से देखने के कारण ये लेख एक स्थायी दस्तावेज़ का रूप ले लेते हैं।

किताब का शीर्षक ‘समय के सुलगते सरोकार’ अपनी सार्थकता इस तरह सिद्ध करता है कि इससे समय को देखने और उसमें सार्थक बदलाव लाने की एक चाबी मिलती है; साथ ही ख़ुद को परखने की एक कसौटी भी।

मुझे भरोसा है कि प्रस्तुत निबन्ध रास्ता देखते हुए, बोलते-बतियाते हुए देर तक और दूर तक मनुष्य को उसके सरोकारों की याद दिलाएँगे।

—बोधिसत्व

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

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