Sangeetmya Banaras

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Sangeetmya Banaras

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Author: Dr. Vanmala Parvatkar

Availability: 5 in stock

Pages: 337

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9789381999059

Language: Hindi

Publisher: Sharda Sanskrit Sansthan

Description

संगीतमय बनारस

उत्तवाहिनी गंगा काशी के कंठ्हार की तरह सुशोभित है और विद्या गुरु विश्वनाथ और ‘रसो वै सः’ के प्रतीक भगवान्‌ माधव काशी को अलौकिक बना देते है। कालांतर में इसका नाम बनारस हो गया। साहित्य, संगीत, कला, वेद, वेदाङ्ग, पुराण, इतिहास, आयुर्वेद ज्योतिष और सभी शास्त्रों की शिक्षा और अध्ययन का यह विश्व प्रसिद्ध केन्द्र हो गया। जहाँ से ज्ञान का प्रकाश मिले वही स्थान काशी कहा जाता है, अतः संत महात्मा, भगवान्‌ बुद्ध, जैन तीर्थंकर, गुरु नानकदेव सभी यहाँ से जुड़े हैं। महाप्रभु वल्लभचार्यजी की परम्परा में भी बनारस एक प्रमुख केन्द्र है जो संगीत से जुड़ा है।

विद्वानों और संतो की इस परम्परा ने इतिहास में ‘बनारसी’ विशेषण को महत्वपूर्ण बना दिया। इसी तरह से अति प्राचीनकाल से निरंतर बनारस की संगीत परम्परा भी अपनी विशेषताओं के लिये ख्याति प्राप्त है। यहां गायन, वादन और नृत्य तीर्नों की परम्परा उच्चकोटि के साहित्य से अंलकृत है, फलतः लय, ताल और स्वरों के मेल से ‘बनारसी संगीत’ का अपना एक विशेष आकर्षण है। इसी पर कुछ प्रकाश डालने का इस पुस्तक में प्रयास किया गया है। इसके मार्गदर्शन में लेखिका के गुरु पं० शिवकुमार शास्त्री का विशेष योगदान है।

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2012

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