Sankal, Sapne Aur Sawal

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Sankal, Sapne Aur Sawal

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600.00 510.00

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600.00 510.00

Author: Sudha Arora

Availability: 5 in stock

Pages: 272

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9789388211499

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

साँकल, सपने और सवाल

प्रतिष्ठित रचनाकार सुधा अरोड़ा का वैचारिक और रचनात्मक लेखन स्त्री के सवालों और उसकी चिंताओं का पक्षधर रहा है। वे किसी पूर्व-निधीरित आग्रह या घिसे-पिटे स्त्रीवादी नारों को दोहराने की जगह एक खुले, परिवर्तनशील और आधुनिक समाज में व्यावहारिक स्तर पर स्री को पुरुष के बरक्स बराबरी का सम्मानजनक हिस्सा दिलवाने में यकीन रखती है।

‘‘साँकल, सपने और सवाल’’ में लेखिका के पिछले बीस वर्षों के लेखन से चुने गए आलेख संग्रहित है। इनमें पाठक को समाज की उन सॉकलों और वर्जित दहलीजों को लांघने का साहस दिखाई देगा, जिनपर सदियों से दुराग्रहो और वर्जनाओं के तालों का साम्राज्य रहा है। भारतीय सामजिक पृष्ठभूमि और उसकी पारंपरिक सीमाओं के बीच शहरी एवं आंचलिक स्त्री के लिए नैसर्गिक स्पेस की ज़रुरत और उसकी जायज मांग ही इन आलेखों का बीज सूत्र है। इन आलेखों के विषय आज की स्त्री के फैलते आकाश की तरह चहुमुखी और विविध है। धर्म, मीडिया, फिल्म और साम्प्रदायिकता से लेकर समलैंगिकता, तेजाबी हमलें, शिक्षित लड़कियों की आत्महत्या, संपत्ति अधिकार यानी घरेलू और सामाजिक शोषण के हर पहलू पर लेखिका की पैनी नज़र है।

वे मानती हैं कि आज के तेजी से बदलते समाज में स्त्री का समय किसी सीमित चौखट के भीतर कैद नहीं किया जा सकता। विविध मुद्दों पर सुधा जी कई सवालों से टकराती है। इस उत्तर आधुनिक और ग्लोबल समय में स्त्री देह के भोगवादी नजरिए के विरुद्ध सुधा अरोडा का कारगर हस्तक्षेप रेखांकित किया जा सकता है। बेहद आसान और सरल भाषा में लिखे गए इन आलेखों की पठनीयता एवं प्रतिबद्धता ही अंततः इनकी सबसे बडी सफलता और सार्थकता है।

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Hardbound

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Publishing Year

2019

Pulisher

Language

Hindi

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