Sarjana Path Ke Sahyatri

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Sarjana Path Ke Sahyatri

Sarjana Path Ke Sahyatri

495.00 415.00

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495.00 415.00

Author: Nirmal Verma

Availability: 5 in stock

Pages: 190

Year: 2017

Binding: Hardbound

ISBN: 9789387155824

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

सर्जना पथ के सहयात्री

निर्मल वर्मा निश्चय ही हिन्दी के उन रचनाकारों में आते हैं जिन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से अपना आत्मीय, जादुई और निराला संसार रचा है। उन्होंने समय-समय पर अपने प्रिय लेखकों-कलाकारों पर लिखा है। इन लेखों में उन्होंने ‘आलोचन की लगी-बँधी खूँटी से अपने को छुड़ाकर आत्मीय प्रतिक्रियाओं के प्रवाह में स्वयं को बहने दिया है। भाषा के नैतिक और आध्यात्मिक आयामों को विकसित करती उनकी ये आत्मीय और पारदर्शी गद्य रचनाएँ मूर्धन्य व्यक्तियों के आलोक और अँधेरे को जिस सजीवता के साथ प्रकट करती हैं वह दुर्लभ साधना और अनिवार्य जिज्ञासा से ही अर्जित की जा सकती हैं।

इस पुस्तक में देश के लगभग तमाम महत्त्वपूर्ण रचनाकारों – प्रेमचन्द, महादेवी वर्मा, हजारीप्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय, रेणु, मुक्तिबोध, भीष्म साहनी, धर्मवीर भारती, मलयज और चित्रकारों-कलाकारों- हुसेन, रामकुमार, स्वामीनाथन पर तो आलेख हैं ही बोर्ख़ेज, नायपाल, नाबोकोव, राब्बग्रिये और लैक्सनेस पर भी बेहद संजीदगी और तरल संवेदना से लैस रचनाएँ संकलित हैं। निश्चय ही पाठकों को यह पुस्तक निर्मलजी की अन्य पुस्तकों की तरह बेहद पठनीय और मननीय लगेगी।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Pulisher

Publishing Year

2017

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